सत्ता में आते ही तालिबान ने महिलाओं को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। अफगानिस्तान की महिलाओं को तालिबान के आने से जो डर लग रहा था, अब वो सामने आने लगा है।

पहले तालिबान ने एक भी महिला को अपनी सरकार में मंत्री नहीं बनाया, फिर लड़कियों को सपोर्ट्स खेलने से रोक दिया और अब उसने महिलाओं को लेकर बहुत ही खराब टिप्पणी की है। तालिबान ने कहा है कि महिलाएं मंत्री नहीं बन सकती हैं, उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए।

अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार में महिलाओं को शामिल किए जाने की सभी संभावनाओं को खारिज करते हुए एक प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को खुद को बच्चे पैदा रखने तक सीमित रखना चाहिए।

सरकार में महिलाओं को नहीं शामिल करने से नाराज अफगानी महिलाएं इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आईं हैं। इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए तालिबान ने कहा कि एक महिला मंत्री नहीं हो सकती, यह ऐसा हो कि जैसे आपने उसकी गर्दन पर कुछ रख दिया हो, वह इसे नहीं ले जा सकती है।

प्रवक्ता सईद जकरुल्ला हाशिमी ने कहा कि एक महिला के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है, महिलाओं को जन्म देना चाहिए। विरोध की बात पर हाशिमी ने कहा- ” कुछ महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान में सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती हैं”।

अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के शासन की वापसी के बाद से नागरिक अधिकारों को लेकर महिलाएं काफी डरी हुईं हैं। महिलाओं को डर है कि जो अधिकार पिछले 20 साल के अफगानी सरकार के द्वारा उन्हें मिला था वो तालिबान कहीं छीन ना ले।

तालिबान ने जब 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब महिलाओं को बहुत ही कम अधिकार थे। वो बाहर काम नहीं कर सकती थीं, लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी और महिलाओं को अपना चेहरा ढंकना पड़ता था और अगर वे अपने घरों से बाहर निकलना चाहती थीं तो उनके साथ एक पुरुष रिश्तेदार भी रहना जरूरी था। ऐसा ना करने पर उन्हें शरिया कानून के तहत मौत की सजा सुनाई जाती थी।

रिपोर्टों के अनुसार, काबुल में नई अंतरिम सरकार का विरोध कर रही अफगान महिलाओं को तालिबान ने खदेड़ दिया है। सीएनएन ने बताया कि तालिबान ने विरोध कर रही महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोड़े और लाठियों का इस्तेमाल किया।