जब मजिस्ट्रेट ने एक केस के आरोपी को जमानत देने से मना कर दिया तब वकील ने जज को पीटने की धमकी दे दी। इस मामले में 12 वकीलों के खिलाफ मजिस्ट्रेट को धमकी देने के अपराध में केस दर्ज कराया गया है। तिरूवनंतपुरम में Judicial First Class Magistrate दीपा मोहन ने अपनी एफआईआऱ में कहा कि बीते बुधवार (27-11-2019) को उन्होंने राज्य बस सेवा के एक ड्राइवर को जब जमानत देने से मना कर दिया तब वकीलों ने उनके चैंबर का दरवाजा बंद कर उन्हें पीटने की धमकी दी। महिला जज के मुताबिक वकीलों ने दरवाजा बंद कर उन्हें धमकी देते हुए कहा कि ‘आप एक महिला हैं…नहीं तो आपको घसीट कर आपके चैंबर स बाहर ले जाते और आपकी पिटाई कर देते।’

मजिस्ट्रेट ने अपनी एफआईआर में जिन 12 वकीलों का नाम दिया है उनमें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव भी शामिल हैं। जज ने पुलिस से शिकायत में यह भी बताया कि वकीलों ने उनके चैंबर का दरवाजा बंद कर दिया और धमकी देते हुए कहा कि हम देखते हैं कि आप कैसे बाहर आती हैं।

एफआईर में कहा गया है कि आरोपियों ने उस वक्त वहां अदालत परिसर में मौजूद लोगों से कहा कि वो सभी लोग यहां से चले जाए क्योंकि जब तक यह फैसला नहीं हो जाता कोर्ट की कार्रवाई नहीं चलेगी। आरोपियों पर काम में बाधा पहुंचाने का आरोप भी है।

इस मामले में एफआईआर तब दर्ज हो सकी है जब गुरुवार (28-11-2019) को केरल हाईकोर्ट ने दीपा मोहन के साथ हुई इस बदसलूकी के मामले में हस्तक्षेप किया। जूडिशियल ऑफिशर्स एसोसिएशन ने अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को खत लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी।

IANS की एक रिपोर्ट के मुताबिक फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट को धमकी देने की यह घटना 27 नवंबर, 2019 की है। इस मामले में एसोसिएशन ने केरल हाईकोर्ट से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की थी। (और…CRIME NEWS)