अरवल विधानसभा क्षेत्र नक्सलवाद के लिए बदनाम रहा है। नक्सलवाद से जुड़ी कई हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। अरवल से सटा जिला औरंगाबाद और जहानाबाद है जो नक्सलवाद का दंश झेल चुके हैं। अब स्थिति पहले से बहुत सुधरी है और घटनाओं में कमी आई है, जिसे मुद्दा बनाकर सत्ताधारी पार्टी चुनावी मैदान में है। इस सीट पर जन अधिकार पार्टी (JAP) ने इस बार अभिषेक रंजन को टिकट थमाया है। कई अन्य राजनीतिक पार्टियों के दागी प्रत्याशियों की तरह ही अभिषेक रंजन पर भी अपराध के दाग हैं।

चुनावी हलफनामे में अभिषेक रंजन ने बताा है कि उनपर हत्या की कोशिश के 2 मामले, साजिश रचने के 3 मामले दर्ज हैं। हालांकि यह बात औऱ है कि किसी भी मामले में उन्हें सजा नहीं हुई है। कहा तो यह भी जाता है कि अभिषेक रंजन पर एक महिला से छेड़खानी के भी आरोप लगे थे। जिले के मुखिया संघ के अध्यक्ष रहे अभिषेक रंजन को इसी साल जून के महीने में पुलिस ने मारपीट के आरोप में गिरफ्तार भी किया था। उनपर लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग का भी आरोप है।

फरवरी के महीने में एक होटल के पास मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था। दावा किया गया था कि एक वाहन चालक की कुछ लोगों ने घेर कर पिटाई की थी और इस वीडियो में वाहन चालक की पिटाई करते हुए अभिषेक रंजन भी नजर आए थे। इसके अलावा इसी साल मई के महीने में एक जमीनी विवाद में मोहम्मद जावेद नाम के एक शख्स की पिटाई करने और हथियार दिखाकर धमकाने का आरोप भी अभिषेक रंजन पर लगा था। इलाके में अभिषेक रंजन की गिनती रसूखदार लोगों में होती है। अभिषेक रंजन पर एक बार हमला भी हो चुका है।

बता दें कि फिलहाल अभी अरवल विधानसभा क्षेत्र पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कब्जा है। हालांकि इसके पहले इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा था। पिछले चुनाव में जेडीयू और आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के चलते बीजेपी यह चुनाव हार गई थी।