यह युवक पिछले 13 महीने से जेल में बंद था और उसपर आरोप था कि उसने 8वीं की छात्रा के साथ रेप किया जिसकी वजह से वो गर्भवती हो गई। लेकिन अब बच्चे के जन्म के बाद यह युवक बेगुनाह साबित हो गया है। अगर युवक बेगुनाह है तो फिर 13 महीने उसने जेल का काल-कोठरी में क्यों गुजारी?
इसका जवाब किसी के पास नहीं। यह मामला झारखंड की राजधानी रांची का है। बीते शु्क्रवार (13-09-2019) को यहां की एक अदालत ने 13 महीने से जेल में बंद गुलरेज अंसारी को बरी कर दिया। गुलरेज अंसारी की बेगुनाही उस वक्त साबित हुई जब रेप पीड़िता के बच्चे का DNA टेस्ट कराया गया।
दरअसल 8वीं क्लास में पढ़ने वाली एक लड़की ने जून 2017 में गुलरेज अंसारी पर चाकू का भय दिखाकर उसके साथ रेप करने का आरोप लगाया था। लड़की ने अपनी शिकायत में कहा था कि रेप के बाद वो गर्भवती हो गई थी। पीड़िता ने 4 अगस्त 2018 को कांके के सीएचसी अस्पताल में स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दिया था।
रेप केस की जांच कर रहे एक अधिकारी ने 23 जुलाई 2019 को अदालत से युवक का DNA टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद अदालत के आदेश पर पीड़िता, आरोपी युवक और बच्चे का DNA टेस्ट कराया गया। 9 अगस्त, 2019 को टेस्ट रिपोर्ट आया जो निगेटिव था। यानी रिपोर्ट में यह साफ-साफ लिखा था कि गुलरेज अंसारी इस बच्चे के जैविक पिता नहीं हैं। सिविल कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका है जब डीएनए टेस्ट में किसी युवक पर लगे आरोप गलत निकला है।
इसी टेस्ट के आधार पर इस मामले में अदालत ने गुलरेज अंसारी को बरी करने का आदेश सुनाया। यहां आपको बता दें कि पूर्व में जब इस युवती ने गुलरेज अंसारी पर बलात्कार का आरोप लगाया था जब पीड़िता के गांव वालों ने गुलरेज पर दबाव बनाया था कि वो लड़की से शादी कर ले। गुलरेज अंसारी शुरू से ही लड़की के आरोपों से इनकार करते रहे हैं। (और…CRIME NEWS)

