Punjab Crime News: पंजाब के लुधियाना पुलिस ने शुक्रवार को एक फर्जी “अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर” का भंडाफोड़ किया और दो महिलाओं सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया। वे लोग कथित तौर पर खुद को “माइक्रोसॉफ्ट और ऐप्पल सहित तकनीकी दिग्गजों के तकनीकी सेवा प्रदाता” के रूप में पेश करके विदेशियों को धोखा देते थे। पीड़ितों में से ज्यादातर अमेरिकी नागरिक थे।

लुधियाना के दाद गांव से संचालित किया जा रहा था फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर

लुधियाना के पुलिस आयुक्त मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि फर्जी कॉल सेंटर लुधियाना के दाद गांव से संचालित किया जा रहा था और गिरफ्तार किए गए लोग मेघालय, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, दिल्ली और पंजाब सहित विभिन्न राज्यों से हैं। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि तीन लोग एलेक्स, चेरी और पॉल गिरोह के मास्टरमाइंड थे। सीपी सिद्धू ने कहा, “वे फिलहाल फरार हैं और उन्हें मामले में नामजद किया गया है। ऐसी संभावना है कि वे फर्जी नामों से काम कर रहे होंगे।”

14 टैबलेट, 34 मोबाइल, दो लैपटॉप, एक दोपहिया और 1.17 लाख नकद बरामद

पुलिस टीम ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 14 टैबलेट, 34 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक दोपहिया वाहन और 1.17 लाख रुपये नकद बरामद किए। सीपी सिद्धू ने बताया कि गिरोह अमेरिकी नागरिकों को सिस्टम हैक होने के फर्जी संदेश भेजता था। फिर वे समस्या को हल करने के लिए उन्हें हेल्पलाइन नंबर मुहैया कराता था। जब उपयोगकर्ता उन नंबरों पर कॉल करता था तो वे खुद को माइक्रोसॉफ्ट या ऐप्पल के ग्राहक सहायता कर्मचारी (Custmer Care) के रूप में पेश करेंगे।

पुलिस कमिश्नर सिद्धू ने बताई गिरोह की पूरी मॉडस ऑपरेंडी

सीपी सिद्धू ने कहा, “एक बार जब उपयोगकर्ता आश्वस्त हो जाता है कि वे वास्तव में इन कंपनियों से हैं तो आरोपी उन्हें यह कहकर डराते थे कि उनके सिस्टम के हैक होने का बहुत खतरा है या पहले से ही हैक किया गया था। वे खुद को वरिष्ठ अधिकारी बताकर अन्य आरोपियों से उनकी बात कराते थे। फिर वे पीड़ित को बताते थे कि उनके बैंक खाते भी खतरे में हैं। इसलिए उन्हें अपने पैसे बचाने के लिए ई-वाउचर खरीदना चाहिए। इसके बाद वे इस बहाने से उनके बैंक खातों का विवरण ले लेते थे कि खाते सुरक्षित हैं यह सुनिश्चित करने के बाद वे आगे पैसे अपने खातों में वापस स्थानांतरित कर देंगे। इस बीच उनका साथी एलेक्स वाउचर भुना लेता था।”

लुधियाना सीपी सिद्धू ने कहा, “एलेक्स वाउचर भुनाने के बाद हवाला के माध्यम से चेरी, संदीप यादव और संतोष यादव को पैसे भेजता था। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि चेरी और पॉल रैकेट के सरगना हैं, जबकि गिरफ्तार आरोपी सिर्फ कर्मचारी हैं। इन सभी कर्मचारियों को 25,000 रुपये से 45,000 रुपये के बीच मासिक वेतन मिलता था।’

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आईपीसी की इन धाराओं में मामला दर्ज, 20 से 25 साल के हैं सभी आरोपी

इस मामले में लुधियाना के डिवीजन नंबर 8 पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (आपराधिक साजिश), सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि अधिकतर आरोपी 12वीं पास हैं। केवल दो आरोपी ही ग्रेजुएट हैं। इनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच है। पुलिस ने कहा कि कुछ लोग रोजगार की तलाश में कॉल सेंटर में शामिल हुए थे लेकिन यह जानते हुए भी कि यह फर्जी है उन्होंने काम करना जारी रखा।