क्रिकेट एडवायजरी कमिटी ने रवि शास्‍त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का बैटिंग कोच बनाए जाने की सिफारिश की थी। लेकिन बीसीसीआई ने इससे इनकार कर दिया। यह सिफारिश अनिल कुम्‍बले को मुख्‍य कोच बनाए जाने के बाद की गई थी। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्‍मण इस कमिटी में शामिल हैं और इन्‍हें कोच चुनने की जिम्‍मेदारी दी गई थी। रवि शास्‍त्री वर्ल्‍ड टी20 तक भारतीय टीम के डायरेक्‍टर थे। उन्‍होंने भी मुख्‍य कोच के लिए अप्‍लाई किया था। उन्‍होंने वीडियो लिंक के जरिए बैंकॉक से इंटरव्यू दिया था। कोच चुनने की मीटिंग 21 जून को कोलकाता में हुई थी।

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बताया जाता है कि कुम्‍बले और टॉम मूडी कोच बनने की दावेदारी में सबसे आगे थे और शास्‍त्री पीछे रह गए थे। लेकिन कमिटी शास्‍त्री को बैटिंग कोच बनाना चाहती थी। बीसीसीआई सचिव अजय शिरके ने बताया, ”यह काफी लंबी मीटिंग थी और सात घंटे तक चली। कई आइडिया आए। हां, पैनल ने शास्‍त्री के नाम की बैटिंग कोच के लिए सिफारिश की थी, इस पर मैंने दखल दिया। कमिटी को केवल मुख्‍य कोच चुनने का काम ही दिया गया था। मैंने उन्‍हें यह बात याद दिलाई।”

शिरके ने कहा, ” हमने फैसला किया था कि सभी पेशेवर खेलों के तरह मुख्‍य कोच अपना सपोर्ट स्‍टाफ खुद तय करेगा। बीसीसीआई पारदर्शिता चाहता है।” शास्‍त्री के रेस में पीछे छूट जाने के बाद कुम्‍बले और मूडी की दावेदारी बची थी। भारतीय टेस्‍ट टीम के कप्‍तान विराट कोहली के समर्थन के बाद अनिल कुम्‍बले को चुन लिया गया। बीसीसीआई सूत्र के अनुसार, ”कोहली के फीडबैक के बाद कुम्‍बले का नाम तय हुआ। कुम्‍बले और मूडी दोनों ने शानदार प्रजेंटेशन दिया था। मूडी ज्‍यादा गंभीर विकल्‍प लग रहे थे। लेकिन कोहली कुम्‍बले को चाहते थे ताकि विदेशों में स्पिनर्स के प्रदर्शन को सुधारा जा सके। कोहली का मानना था कुम्‍बले इसमें अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।”

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