ऑनलाइन फूड बुकिंग व डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो और रेस्टोरेंट मालिकों के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। रेस्टोरेंट मालिकों की नाराजगी कंपनी को जोमैटो गोल्ड को लेकर है। जोमैटो ने अपने गोल्ड प्रोग्राम के जरिये 2800 करोड़ रुपये जुटाए। हालांकि, कंपनी ने अपनी गलती मान ली हैं लेकिन ग्राहकों पर भी इसका दोष मढ़ा है।

यह राशि कंपनी की स्थापना के समय से अर्जित कुल राशि का 60 फीसदी है। इस प्रोग्राम के तहत कंपनी गोल्ड क्लब के मेंबर्स को टेबल बुकिंग पर 50 फीसदी तक का डिस्काउंट उपलब्ध कराती है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि भारी डिस्काउंट से उनके बिजनेस को काफी नुकसान हो रहा है। इसके विरोध में विभिन्न शहरों में करीब 1200 से अधिक रेस्टोरेंट जोमैटो गोल्ड प्लेटफॉर्म से खुद को अलग कर चुके हैं। कंपनी ने रेस्टोरेंट मालिकों से अपील की है कि वह उसके प्लेटफॉर्म से ना हटें।

कंपनी ने जोमैटो गोल्ड की शुरुआत साल 2017 में की थी। कंपनी ने इस गोल्ड क्लब मेंबर्स की संख्या बढ़ाकर अपना रेवेन्यू बढ़ा लिया। वहीं रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि शुरू में जिस बात को लेकर इस प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी अब उसमें बिल्कुल ही बदलाव आ गया है।

पहले देशभर में गोल्ड क्लब के सदस्यों की संख्या को 5000 से 10 हजार तक सीमित रखने का प्लान था। इसका उद्देश्य ग्राहकों को आकर्षित करना और बिक्री को बढ़ाना था। हालांकि, जोमैटो गोल्ड के यूजर्स की संख्या बढ़कर 13 लाख पहुंच चुकी है। गोल्ड प्रोग्राम के तहत जोमैटो जहां एक तरफ यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फीस लेता है वहीं रेस्टोरेंट मालिकों से भी इसमें शामिल होने के लिए जॉइनिंग फीस लेता है।

पहले यह फीस 40 हजार रुपये थी जो अब बढ़कर 75 हजार रुपये हो गई है। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में अपनी गलती स्वीकार की है। कंपनी इस बात के लिए ग्राहकों पर भी दोष मढ़ा है। जोमैटो के संस्थापक दीपेंदर गोयल ने लिखा कि ”हमने कहीं-ना-कहीं गलतियां की हैं। यह एक तरह से आगाह करने वाली स्थिति है कि हमें अपने रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स के लिए पहले की गई चीजों की तुलना में 10 गुना अधिक करने की जरूरत है।’

उन्होंने यह भी लिखा कि हम मानते हैं कि छूट के पीछे पड़े रहने वाले लोग (Bargain hunters) रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रहे हैं। गोयल ने सिलसिलेवार ट्वीट कर गतिरोध को समाप्त करने का आह्वान किया है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) भारी डिस्काउंट के मुद्दे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग लेकर पहुंच गई है। आयोग ने खाने, बेवरेजेस और होटल सेगमेंट में दिए जा रहे डिस्काउंट पर स्टडी करने को कहा है।