Petrol, Diesel Price Hike: पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों पर अप्रैल से पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों का भी बोझ पड़ सकता है। इस बार ईंधन की महंगाई की वजह कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा नहीं बल्कि तकनीक में बदलाव होगा। 1 अप्रैल से BS-VI तकनीक वाले ईंधन से वाहनों के परिचालन की शुरुआत जा रही है। यह तकनीक थोड़ी महंगी होती है और इसका बोझ ग्राहकों पर भी पड़ेगा।
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में वाहनों के चलते प्रदूषण बढ़ने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि कंपनी की सभी रिफाइनरियों में बीएस-6 डीजल और पेट्रोल का उत्पादन शुरू हो गया है, अगले महीने से यह ईंधन डिपो में पहुंचने लगेगा।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि 1 अप्रैल से देश में बीएस-6 ईंधन मिलना शुरू रहो जाएगा। दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां पेट्रोल की कीमत फिलहाल 73 रुपये के करीब है, जबकि डीजल 66 रुपये लीटर मिल रहा है। गौरतलब है कि बीएस-6 ईंधन के उत्पादन के लिए इंडस्ट्री को कुल 30,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। यही नहीं रिफाइनरीज के अपग्रेडेशन में इंडियन ऑइल ने भी 17,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
अन्य चीजें भी हो सकती हैं महंगी: डीजल और पेट्रोल की महंगाई बढ़ने का असर सब्जियों एवं अन्य जरूरी चीजों की कीमतों में इजाफे के तौर पर देखने को मिल सकता है। डीजल की कीमतें बढ़ने से सब्जियों एवं अन्य सामानों की ढुलाई महंगी हो सकती है।
जानें, कैसे बदलती गई तकनीक: भारत ने 1990 के बाद से लगातार फ्यूल अपग्रेडेशन किया है। मौजूदा बीएस-4 तकनीक को 2017 में लागू किया गया था। इससे पहले 2005 में बीएस-2 और 2010 में बीएस-3 तकनीक लागू की गई थी। इस तरह अब 2005 से लेकर अब तक 15 सालों में ईंधन की तकनीक बीएस-2 से लेकर बीएस-6 तक आ पहुंची है।