चीन की स्मार्टफोन मेकर कंपनी शाओमी को भले ही भारत में आए महज 6 साल ही हुए हैं, लेकिन उसने मार्केट में बड़ी पकड़ बना ली है। भारत के स्मार्टफोन मार्केट में 30 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली शाओमी कंपनी के फोन बिकने की बड़ी वजह यह भी है कि उसकी ओर से कम बजट में अन्य ब्रैंड्स की तुलना में बेहतर क्वॉलिटी दी जाती है। अप्रैल 2010 में लेई जुन ने कंपनी की स्थापना की थी। इससे पहले वह खुद किंगसॉफ्ट और यूसीवेब जैसी कंपनियों का हिस्सा रह चुके थे। जुन के अलावा चीन में गूगल के एग्जीक्युटिव लिन बिन समेत डॉ. झाउ गुआंगपिंग, लिउ डे, ली वानकियांग, वॉन्ग कॉन्ग कैट और हॉन्गफेंग शामिल थे।

महज 10 सालों में ही इस कंपनी ने चीन, भारत समेत दुनिया भर में अपनी पहचान कायम की है। भले ही इस समय भारत में चीनी कंपनियों के पक्ष में माहौल नहीं है, लेकिन शाओमी के उत्पादों की मांग में बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। यहां तक कि कंपनी सोमवार को ही Redmi Note 9 ल़ॉन्च करने जा रही है। 2014 में MI 3 स्मार्टफोन के साथ भारत में एंट्री करने वाली शाओमी कंपनी ने स्मार्टफोन सेगमेंट सैमसंग को पछाड़ा है। आइए जानते हैं, क्या है MI की सफलता की बड़ी वजह…

Xiaomi की एंट्री के साथ कमजोर हुईं भारतीय कंपनियां: शाओमी ने 2014 में भारत में एंट्री की थी और धीरे-धीरे मार्केट शेयर में अव्वल हो गई। उस वक्त भारत में सस्ते स्मार्टफोन प्रोवाइडर्स के तौर पर स्पाइस, कार्बन, माइक्रोमैक्स और लावा जैसी कंपनियां सक्रिय थीं, लेकिन एक बार शाओमी के दखल के बाद इनकी हिस्सेदारी लगातार कमजोर होती गई। शाओमी ने फैशन रिटेल कंपनी Jabong के को-फाउंडर मनु कुमार जैन को भारत में कमान सौंपी थी। इसके बाद शाओमी ने फॉक्सकॉन के साथ मिलकर अगस्त, 2015 में भारत में ही स्मार्टफोन बनाना शुरू किया था। शाओमी ने हैदराबाद के श्री सिटी में पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की थी। चीन से बाहर शाओमी का यह दूसरा प्लांट था।

जानें, क्यों सस्ते होते हैं शाओमी के स्मार्टफोन: भारत में शाओमी ने सस्ते क्वॉलिटी स्मार्टफोन्स की सप्लाई के जरिए सफलता हासिल की। हालांकि बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस चीनी कंपनी के स्मार्टफोन अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले सस्ते क्यों होते हैं? इस सीक्रेट का खुलासा करते हुए शाओमी के सीईओ लेई जुन ने बताया था कि कंपनी स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग में सिर्फ 8 से 9 पर्सेंट का ही मार्जिन लेती है। इसके अलावा रिटेल चेन स्थापित करने में कंपनी की कोई लागत नहीं होती। शाओमी अपने फोन ऑनलाइन ही बेचती है, जो ऑफलाइन चेन स्थापित करने के मुकाबले सस्ता है। ऐसे में सप्लाई चेन छोटी होने के चलते मैन्युफैक्चरिंग के बाद कीमत में ज्यादा इजाफा नहीं होता। मार्केट के जानकारों के मुताबिक शाओमी के फोन सस्ते होने की एक वजह यह भी है कि उसकी ओर से प्रचार पर ज्यादा खर्च नहीं किया जाता।