विश्वबैंक का अनुमान है कि विदेश में काम करने वाले भारतीयों द्वारा 2016 में भेजा गया कुल धन 65.5 अरब डॉलर रहेगा जो इससे पिछले साल से 5 प्रतिशत कम है। वर्ष 2015 में विदेशों से इस तरह का सबसे अधिक मनीऑर्डर का धन भारत में ही आया था। विश्वबैंक ने इस विषय पर अपनी ताजा रपट में कहा है कि मनीऑर्डर की कमाई के स्रोत देशों की अर्थव्यवस्था में नरमी तथा तेल कीमतों में गिरावट का प्रभाव भारत में आने वाले विदेशी मनीऑर्डर पर इस साल असर पड़ा है। हालांकि अनुमान है कि इस गिरावट के बावजूद विदेशी मनीऑर्डर प्राप्त करने में अब भी भारत अव्वल बना रह सकता है।

रपट के अनुसार 2016 में भारत को 65.5 अरब डॉलर विदेशी मनीऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इसके बाद चीन का नंबर है जिसे 65.2 अरब डॉलर का मनीऑर्डर मिलने की संभावना है। पाकिस्तान के इस सूची में पांचवें स्थान पर आने का अनुमान है और उसे इस जरिए से 20.3 अरब डॉलर की प्राप्ति होने की संभावना है। विश्वबैंक के अनुसार दक्षिण एशिया को रेमिटेंस 2016 में 2.3 प्रतिशत घटने का अनुमान है। रपट के अनुसार 2015 में भारत को विदेश में काम करने वाले अपने लोगों से 69 अरब डॉलर के मनीऑर्डर मिले थे।