Zerodha के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामत (Zerodha co-founder and CEO Nithin Kamath) ने सोमवार को अपने ससुर शिवाजी पाटिल के साथ एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे 70 वर्षीय शिवाजी पाटिल ने उन्हें एक अच्छा जीवन जीने का सबक सिखाया।
एक लंबे ट्विटर थ्रेड में नितिन कामत ने बताया कि उनके ससुर ने सेवानिवृत्ति के बाद कर्नाटक के बेलगाम में एक किराने की दुकान शुरू की। नितिन कामत ने उनकी दुकान पर शिवाजी पाटिल के साथ क्लिक की गई एक तस्वीर को शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा, “वह भारतीय सेना में थे और कारगिल युद्ध के दौरान अपनी उंगलियां गंवाने के बाद स्वेच्छा से एक हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।”
शिवाजी पाटिल की जीवनशैली के बारे में बात करते हुए नितिन कामत ने लिखा, “वह 70 साल के हैं, लेकिन दुकान के लिए किराने का सामान खरीदने के लिए विशेष रूप से विकलांगों के लिए अपने दशकों पुराने स्कूटर पर नियमित रूप से स्थानीय बाजार जाते हैं। उनकी एकमात्र मदद करने वाली मेरी सास हैं, जो दुकान चलाने और घर चलाने में उनकी मदद करती हैं।”
नितिन कामत ने कहा, “मेरी और मेरी पत्नी सीमा की सफलता के बाद भी मेरे ससुर काम बंद करने से इनकार करते हैं। जब मैं उनसे दुकान में विभिन्न उत्पादों के मार्जिन के बारे में पूछता हूं, तो उनकी आंखों में अभी भी एक चमक होती है। वह चिक्की पर 25 प्रतिशत मार्जिन की बात करते हैं, 200 रुपये में एक बॉक्स खरीदते हैं और उन्हें अलग-अलग 250 रुपये में बेचते हैं।”
नितिन कामत ने बताया कि उन्होंने कैसे सीखा कि संतुष्ट रहना ही सच्ची स्वतंत्रता का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा, “मैंने ससुर को कभी कुछ चाहते या शिकायत करते नहीं देखा यहां तक युद्ध में अपनी उंगलियों को खोने के बारे में भी नहीं। हालांकि जब मैंने उनसे 2007 में उनकी बेटी से शादी करने की अनुमति मांगी थी, तब उन्होंने मुझे सरकारी नौकरी पाने के लिए मनाने की कोशिश की थी।”
अरबपति नितिन कामत फिट रहने के लिए भी उत्सुक रहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं अंत तक स्वास्थ्य अवधि बढ़ाने या एक अच्छा जीवन जीने के बारे में सोच रहा हूं। मुझे कोई संदेह नहीं है कि इसका उत्तर मानसिक और शारीरिक रूप से संतुष्ट रहना है और सक्रिय रहना कभी बंद नहीं करना है। पैसा इसे नहीं खरीद सकता और मेरे ससुर इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं।”
