Who is spiritual guru Sadhguru: जग्गी वासुदेव को दुनियाभर में लोग ‘सद्गुरु’ के नाम से जानते हैं। उनकी गिनती दुनिया के प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरुओं में होती है। वह ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के संस्थापक भी हैं। जाने-माने आध्यात्मिक और योगा गुरु जग्गी वासुदेव दुनिया के सबसे बड़े बाबाओं में से एक हैं। जग्गी वासुदेव के बड़े साम्राज्य में कई योगा सेंटर, ईकोलॉजिकल प्रोजेक्ट और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन हैं जिसके चलते वह देश के सबसे प्रभावशाली और ताकतवर लोगों में शुमार हैं। उनके बोलने और प्रवचन देने का अनोखा तरीका ही है और यही वजह है कि दुनियाभर में उनके लाखों फॉलोअर्स हैं।
साल 1992 में बना ईशा फाउंडेशन आश्रम और योगा सेंटर का संचालन करता है। सद्गुरू ने कई किताबें भी लिखी हैं जिनमें Inner Engineering: A Yogi’s Guide, Joy and Karma: A Yogi’s Guide to Crafting Your Destiny आदि शामिल हैं।
पर्यावरण बचाने के लिए सद्गुरू कर रहे लोगों को जागरूक
आध्यात्मिक बातें सिखाने और बताने के अलावा सद्गुरु को पर्यावरण से जुड़ी नई पहल शुरू करने के लिए भी जाना जाता है। पर्यावरण के लिए उन्होंने कई प्रोजेक्ट किए हैं जिनमें Rally for Rivers, Cauvery Calling और Project GreenHands (PGH) शामिल हैं। सस्टेनिबिलिटी और स्प्रिचुअलिटी में अपने योगदान के चलते ही 2017 में उन्हें प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
शुरुआती जीवन और परिवार
एक तेलगू परिवार में जन्मे जगदीश वासुदेव के तौर पर जन्मे सद्गुरू, बी.वी वासुदेव और सुशीला वासुदेव के पांच बच्चों में सबसे छोटे थे। उनके पिता मैसूर रेलवे हॉस्पिटल में जाने-माने नेत्र-विशेषज्ञ थे। उनके संस्कारों और पालन-पोषण में उनके पिता ने अहम भूमिका निभाई। सद्गुरू ने साल 1984 में विजी कुमारी से विवाह किया। दोनों की एक बेटी भी है। उनकी पत्नी की 1997 में मृत्यु हो गई। उनकी बेटी राधे का विवाह भारतीय क्लासिकल गायक संदीप नारायण से 2014 में हुआ।
पढ़ाई लिखाई और करियर
सद्गुरु ने मैसूर यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिट्रेचर में पढ़ाई की। इसके बाद पॉल्ट्री फार्मिंग में बिजनेस की शुरुआत की। शुरुआत में आध्यात्मिक अनुभव के बाद सद्गुरू ने अपना कारोबार समेट दिया और इसके बाद Buildaids नाम से कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री शुरू की। इसके बाद योगा में सफर की शुरुआत हुई और स्प्रिचुअल टीचिंग से उन्होंने कमाई शुरू कर दी। 1983 में मैसूर में उनकी पहली योगा क्लास हुई।

लग्जरी और महंगी कार-बाइक के लिए सद्गुरू का जुनून
अध्यात्म में अपनी उपलब्धियों के अलावा सद्गुरू को लग्जरी ऑटोमोबाइल्स में खासी रूचि है। महंगी कारों और बाइक के लिए उनके शौक से उनकी अलग-अलग पर्सनैलिटी की झलक मिलती है।
Mercedes-Benz G-Class G 63 AMG
Rally for Rivers प्रोग्राम में सद्गुरु को 2.44 करोड़ रुपये वाली लग्जरी Mercedes-Benz G63 AMG ड्राइव करते देखा गया था। इस पावरफुल एसयूवी में 5461cc V8 twin-turbo पेट्रोल इंजन लगा है जिससे 551hp की पावर और 760Nm का टॉर्क जेनरेट होता है।

Toyota Scion 1000PS
सद्गुरू को रेसिंग से लगाव है और Toyota Scion 1000PS इस बात का सबूत है। 1000hp के आसपास पावर जेनरेट करने वाली यह महंगी कार भी सद्गुरु के कार कलेक्शन में शामिल है। इससे पता चलता है कि जग्गी वासुदेव, हाई-परफॉर्मेंस व्हीकल्स के लिए काफी जुनूनी हैं। खास बात है कि भारत में यह कार उपलब्ध नहीं है।
BMW K 1600 GT और Ducati Multistrada 1260
सद्गुरु के पास BMW K 1600 GT भी है जिसकी वैल्यू 29.98 लाख रुपये है। इसके अलावा उन्हें पॉप्युलर इटालियन मोटरसाइकिल Ducati Multistrada 1260 की सवारी करते भी देखा गया है। इसकी कीमत 21.42 रुपये है।
Ducati Scrambler Desert Sled
सद्गुरु के पास 10.89 लाख रुपये की कीमत वाली Ducati Scrambler Desert Sled बाइक भी है जो उनके एडवेंचर्स पैशन को दिखाती है।
ईशा फाउंडेशन के एक प्रवक्ता ने हमारे सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, ‘सद्गुरु ने अपनी खास उद्देश्य वाली यात्राओं के दौरान इन कारों और बाइक का खूब इस्तेमाल किया है। उन्होंने इन्हें खरीदा नहीं है।’

ईशा फाउंडेशन और पैसा
1994 में कोयम्बटूर के वेल्लियनगिरी माउंटेन में शुरू हुआ यह फाउंडेशन ईशा योगा सेंटर चलाता है। सद्गुरु का पहला फोकस यही है और इनकम का जरिया भी। इस फाउंडेशन को दुनियाभर से फंड मिलता है और अपनी अलग-अलग पहल के साथ यह फाउंडेशन खूब तरक्की करने के साथ ही पैसे बना रहा है।
घड़ियों के शौकीन
सद्गुरु को अकसर विंटेज Victorinox Swiss Army Cavalry वॉच और स्विस Cartier Pasha Seatimer पहने देखा जा सकता है। ये दोनों ही उन्हें तोहफे में मिली हैं।
सद्गुरु अपने काम औऱ बातों से दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। आर माधवन, अजय देवगन, कंगना रनौत, विल स्मिथ, जूही चावला जैसे दिग्गज उन्हें फॉलो करते हैं।