Fixed Deposit, Current Account Reserve Bank of India: बैंकों के दिवालिया या फिर खस्ताहाल हो जाने पर अगर किसी बैंक खाताधारक का अकाउंट टाइप एफडी, आरडी या फिर करेंट होने पर उसे एक लाख रुपये मिलते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के स्वामित्व वाली डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के मुताबिक बैंकों के डूबने की स्थिति में यह प्रावधान तय किए गए हैं। एक आरटीआई के जवाब में डीआईसीजीसी ने यह जानकारी दी है।

आरटीआई में सामने आई जानकारी में कहा गय है कि ‘डीआईसीजीसी एक्ट के सेक्शन 13(1) के तहत बैंकों के दिवालिया या फिर डूबने की स्थिति में प्रत्येक खाताधारक को एक लाख रुपए तक दिया जाता है। यह अमाउंट इंश्योरेंस कवर के रूप में ट्रांसफर किया जाता है। इसमें विभिन्न शाखाओं में जमा मूल राशि और ब्याज दोनों शामिल हैं।’

यह पूछे जाने पर कि हाल में हुए पीएमसी बैंक फ्रॉड के बाद क्या इस सीमा को बढ़ाए जाने का कोई प्रस्ताव है तो डीआईसीजीसी ने कहा कि कॉर्पोरेशन के पास अभी इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि डीआईसीजीसी द्वारा साझा की गई यह जानकारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बैंकों के खस्ताहाल हो जाने पर इसका सीधा असर बैंक खाताधारकों पर पड़ता है।

पीएमसी बैंक मामले में बैंक की खस्ताहाल होने पर रिजर्व बैंक ने खाताधारकों की निकासी सीमा को तय कर दिया था जिसके बाद लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पीएमसी बैंक मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए परिचालन में कुछ पाबंदियां लगायी और प्रशासक नियुक्त किया।