“बेनामी संपत्ति” आपने खूब सुना है और नोटबंदी के बाद यह शब्द आपने खबरों की सुर्खियों में खूब सुना होगा। प्रधानमंत्री ने भी बेनामी संपत्ति वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। ऐसे में जानते हैं कि बेनामी संपत्ति आखिर क्या होती है।
क्या होती है बेनामी संपत्ति
बेनामी संपत्ति का मतलब होता है वह संपत्ति जिसके लिए भुगतान कोई और करता है और कागज पर नाम किसी और का होता है। इसके लेनदेन में संपत्ति का असली मालिक अपने नाम से संपत्ति खरीदता या बेचता नहीं। बेनामी संपत्ति से संपत्ति का असली मालिक डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तरीके से लाभ लेने की कोशिश करता है। आम तौर इस संपत्ति का मालिक किसी थर्ड पर्सन को कागजी तौर पर ही बनाया जाता है।
कैसी होती है बेनामी संपत्ति
बेनामी संपत्ति कई तरह की होती है लेकिन मुख्य तौर पर यह दो तरह की होती है। पहली तरह की संपत्ति वह होती है जिसमें असली मालिक के बजाए उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर संपत्ति खरीदी जाती है और इसकी खरीद की रकम अघोषित आय से चुकाई जाती है। बेनामी संपत्ति बनाने का दूसरा तरीका यह होता है कि संपत्ति खरीदने वाला उसे जॉइन्ट प्रॉपर्टी बनाता है जिसमें कागजों पर कई मालिकों के नाम होते हैं। अगस्त 2016 में संसद में बेनामी संपत्ति ऐक्ट पास किया गया था। इस ऐक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ सकता है।
क्या होती है बेनमी लेनदेन
ऐसी टांसैक्शन्स जिनके लिए भुगतान कोई और करता है और कागजी कार्यवाही में संपत्ति में नाम किसी और का दिया जाता है उन्हें बेनामी टांस्कैशन कहते हैं। इसमें मूवेबल, नॉनमूवेबल, टेंजेबल, इनटेंजेबल, किसी तरह के अधिकार या लिगल दस्तावेज हो सकते हैं इसके अलावा सोना या फाइनेन्शियल सिक्योरिटीस बेनामी संपत्ति बनाई जा सकती है। यह सब ब्लैक मनी को व्हाइट करने या छुपाने के लिए किया जाता है।

