रिलायंस जियो इंफोकॉम से मिल रही टक्कर और अगले एक महीने के अंदर आने वाली स्पेक्ट्रम निलामी के मद्देनजर वोडाफोन अपनी भारतीय यूनिट में 3 अरब डॉलर (करीब 20,100 करोड़ रुपए) का निवेश करने की योजना बना रही है। यूरोप की सबसे बड़ी मोबाइल फोन ऑपरेटर कंपनी वोडाफोन आईपीओ (initial public offering) लाने की टाइमिंग की भी समीक्षा कर रही है।

अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक एक सूत्र ने कहा, “ओवरसीज मार्केट कंडीशन ने भारत में डेब्ट को इक्विटी के साथ बदलने का अच्‍छा अवसर प्रदान किया है, क्‍योंकि यहां इक्विटी पर रिटर्न बहुत ऊंचा है और इससे डेब्ट सर्विसिंग कॉस्‍ट में भी कटौती होगी।” कंपनी के मुताबिक 2015-16 के लिए वोडाफोन इंडिया पर कुल नेट कर्ज 81,500 करोड़ रुपए है।

वोडाफोन ने आगे कहा कि वह भारत में लगातार निवेश करती रही है और आज वह सबसे बड़ी विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेशक कंपनी है। सूत्रों ने बताया कि उसे जियो इंफोकॉम के साथ प्राइस वॉर के चलते भारतीय सब्सिडियरी की वैल्यू पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी उम्‍मीद है कि वोडाफोन स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी में आक्रामक ढंग से भाग लेगी और वह रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से आगे निकलना चाहेगी। वोडाफोन इंडिया के लिए इस नीलामी में 4जी स्पेक्ट्रम खरीदना जरूरी है, तभी वह रिलायंस जियो इंफोकॉम और भारती एयरटेल से मुकाबला कर पाएगी। जिसके लिए उसे बड़ी रकम की जरूरत पड़ेगी। भारत ने 5.6 लाख करोड़ रुपए के स्‍पेक्‍ट्रम को नीलामी के लिए रखा है और इसकी नीलामी 1 अक्‍टूबर से शुरू होगी।

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