देश के जाने माने उद्योगपति ने कुमार मंगलम बिड़ला ने आर्थिक सुस्ती के बीच टेलीकॉम सेक्टर को राहत देने की मांग की है। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यदि सरकार ने एजीआर के मामले में राहत नहीं दी उनके पास दुकान बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा।

बिड़ला ने कहा कि सरकार की तरफ से आर्थिक राहत नहीं मिलने की स्थिति में वोडाफोन-आइडिया दिवालिया होने की तरफ बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह कहानी का अंत होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई कंपनी नहीं होगी जो इस तरह का पैसा (एजीआर) तीन महीने के भीतर दे सकती है।

मालूम हो कि वोडाफोन आइडिया में आदित्य बिड़ला समूह की 27.66 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं वोडाफोन की हिस्सेदारी 44.39 फीसदी है। यहां आदित्य बिड़ला ने वोडाफोन ग्लोबल के सीईओ निक रीड के बयान को दोहराया। कुछ समय पहले निक रीड ने भी कहा था कि यदि सरकार की तरफ से कंपनी को आर्थिक राहत नहीं दी गई तो कंपनी दिवालिया की तरफ बढ़ सकती है।

कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि मैं समझता हूं कि जब निक ने वह बयान दिया था, तब सरकार काफी कुछ करने के बारे में सोच रही थी। सरकार को इस बात का अहसास था कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए स्थिति कितनी जटिल है और पूरा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ही इस पर टिका है।

बिड़ला ने जीएसटी दरों में कटौती करने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने होंगे। यदि जीएसटी दरों को 15 फीसदी से कम कर दिया जाता है तो यह बड़ी मदद होगी। उन्होंने कहा कि जीडीपी मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.5 फीसदी पर आ गई है।

आरबीआई ने जीडीपी के पूर्वानुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। मौजूदा परिदृश्य में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार आने में 18-20 महीने का समय लगेगा। बिड़ला ने आरसीईपी में भारत के शामिल नहीं होने के निर्णय का स्वागत किया।