सरकार ने उर्जित पटेल को तीन साल की अवधि के लिए फिर से रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। उर्जित पटेल (53) की अध्यक्षता में गठित समिति ने ही मौद्रिक नीति समिति का मार्ग प्रशस्त किया।
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार शाम जारी एक बयान में कहा कि सरकार ने उर्जित पटेल को भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर फिर से नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 11 जनवरी, 2016 को पदभार संभालने के बाद तीन साल के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए की गई है।
पटेल 11 जनवरी, 2013 को केंद्रीय बैंक से जुड़े और मौद्रिक नीति विभाग की अध्यक्षता करते रहे हैं। केंद्रीय बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और पटेल पूर्व में वाशिंगटन में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के लिए साथ काम कर चुके हैं। पटेल का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाया जाना काफी अहमियत रखता है, क्योंकि इससे पहले किसी भी डिप्टी गवर्नर को दूसरा कार्यकाल नहीं मिला।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन एक समिति गठित की, जिसका अध्यक्ष उर्जित पटेल को बनाया गया। समिति ने रिपोर्ट तैयार की जिसमें रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति का लक्ष्य लेकर चलने वाला केंद्रीय बैंक बनाने की वकालत की गई। रिपोर्ट को लेकर काफी चर्चा की गई। उसके बाद पटेल पैनल की सिफारिशों को पिछले साल फरवरी में सरकार और रिजर्व बैंक के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही स्वीकार कर लिया गया।