दिल्ली की इरा सिंघल ने शारीरिक कमी को अपने सपनों की उड़ान में बाधक नहीं बनने दिया और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल कर नया इतिहास रच डाला। इस परीक्षा में शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं ने कब्जा जमाया है।
स्कोलियोसिस से पीड़ित 31 वर्षीय आइआरएस अधिकारी इरा ने अपने छठे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की। स्कोलियोसिस रीढ़ से संबंधित बीमारी है। निशक्तता के बावजूद इस कठिन परीक्षा में अव्वल आने की उपलब्धि हासिल करने वाली इरा पहली महिला हैं। इरा ने कहा, ‘मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। मैं आइएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं।’
यूपीएससी की ओर से शनिवार को घोषित नतीजों के मुताबिक केरल की रहने वाली रेणु राज ने दूसरा और दिल्ली की ही एक और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी निधि गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया। दिल्ली की रहने वाली एक और महिला वंदना राव ने चौथा स्थान हासिल किया जबकि बिहार के रहने वाले आइआरएस (आयकर कैडर) अधिकारी सुहर्ष भगत ने पांचवां स्थान हासिल किया।
एक अधिकारी ने बताया, ‘यह पहला मौका है जब शारीरिक रूप से निशक्त किसी उम्मीदवार ने सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है।’ यूपीएससी के मुताबिक विभिन्न केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 1,236 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई है जिनमें 590 सामान्य श्रेणी, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग, 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के हैं।
अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने तिरुवनंतपुरम से बात करते हुए कहा, ‘मैं नतीजे के बारे में जानकर बहुत खुश हूं। मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।’ केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करने वाली रेणु कोट्टायम की रहने वाली हैं।
तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क व केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा, ‘यह सच में गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला।’ चौथा स्थान हासिल करने वाली वंदना राव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया।
तीसरे प्रयास में सफल रहने वाली वंदना ने कहा, ‘मैंने लोगों को दो-दो बार फोन कर यह देखने के लिए कहा कि मैं परीक्षा में सफल रही या नहीं। यह एक खुशनुमा आश्चर्य है। यह सच में कड़ी मेहनत का नतीजा है।’
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों – प्रारंभिक, मुख्य व साक्षात्कार – में संपन्न होती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस), भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है।
देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब 9.45 लाख उम्मीदवारों ने इसके लिए आवेदन किया था पर करीब 4.51 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 16,933 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था जिसमें 16,933 में से 16,286 उम्मीदवार ही शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजे इस साल 13 मार्च को घोषित किए गए थे। 3,308 लोगों को साक्षात्कार में शामिल होने के योग्य घोषित किया गया। इनमें से 3,303 उम्मीदवार साक्षात्कार में शामिल हुए। साक्षात्कार का आयोजन 27 अप्रैल से 30 जून तक हुआ।