नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने रविवार (12 जून) को कहा कि कुछ निजी एयरलाइंस को पूर्व संप्रग सरकार ने ‘फायदा पहुंचाया गया’ और इस आरोप की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय घरेलू विमानन कंपनियों को विदेशी समकक्षों के मुकाबले उल्लेखनीय नुकसान हुआ। मंत्री ने कहा, ‘पूर्व में (संप्रग के दौरान) की गई कुछ चीजों का कोई तुक नहीं था। गलत काम गलत ही है चाहे वह इरादतन हो या गैर-इरादतन।’

यह पूछे जाने पर कि क्या गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से बैठ कर इसकी जड़ में नहीं जाऊंगा। यहां एजेंसियां हैं और वे वह काम करेंगी। हम उसमें हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं।’ पूर्व संप्रग कार्यक्रम में पेश 5:20 नियम को नामंजूर करते हुए राजू ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आखिर इस नियम से कौन लाभान्वित हुआ और स्पष्ट संकेत दिया कि सरकार इसे रद्द करने जा रही है।

विमानन कंपनियां 5:20 नियम जारी रखने को लेकर विभाजित हैं। इस नियम के तहत न्यूनतम 20 विमानों का बेड़ा रखने वाले तथा पांच साल का अनुभव रखने वालें विदेशों में परिचालन कर सकते हैं। नियम के खिलाफ मुखर रहे राजू ने कहा कि नीतियां सदा के लिए नहीं रहती और कहा कि संप्रग शासन के दौरान विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के मामले में कोई निरंतरता नहीं रही।

नागर विमानन मंत्री राजू ने यह पूछे जाने पर कि क्या उसे वह विरासत में मिले मुद्दे कहेंगे, टिप्पणी की, ‘आप चाहे जो भी इसे नाम दें, मुझे इसे कोई नाम नहीं देना है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मंत्रालय में कनिष्ठ सहयोगी महेश शर्मा से उनके मतभेद हैं, राजू ने कहा कि अलग-अलग विचार रखने में कुछ भी गलत नहीं है।

राजू और शर्मा ने सार्वजनिक रूप से विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचार रखें। इसमें हवाई किराए पर सीमा तथा अतिरिक्त यातायात अधिकार की नीलामी शामिल हैं। अतिरिक्त यातायात अधिकारों की प्रस्तावित नीलामी के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि यह नागर विमानन नीति के मसौदे में है।