वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2025 पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मोदी सरकार 3.0 के इस बजट को इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स और टैक्सपेयर्स, जीएसटी दरों के अलावा कई उपायों और घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं। बजट से पहले इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया (ICAI) ने मैरिड कपल के लिए जॉइंट टैक्स फाइलिंग सुविधा की मांग की है। ICAI ने कहा है कि सरकार को इसे जल्द ही शुरू करना चाहिए। यह सुविधा अमेरिका और इंग्लैंड में पहले से ही मौजूद है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा।
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बजट के दौरान स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया जा सकता है। इससे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाली लोन राशि की लिमिट को केंद्र सरकार बढ़ा सकती है। इसे 5 लाख तक किया जा सकता है, जो अभी साढ़े तीन लाख रुपये है। इससे 7.5 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भारत का रक्षा बजट हाल के वर्षों के अनुसार ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 1.9 से 2 प्रतिशत के आसपास होने की उम्मीद है। हालांकि माना जा रहा है कि बढ़ते बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। अर्थशास्त्री यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार अपने पूंजीगत व्यय में वृद्धि करेगी, साथ ही घरेलू मांग में जरूरी वृद्धि सुनिश्चित करेगी। इससे पहले 6 जनवरी को, वित्त मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सीतारमण ने उद्योग और क्षेत्र के स्टेकहोल्डर्स के साथ अपने महीने भर के सुझावों का समापन किया जो 6 दिसंबर, 2024 को शुरू हुआ था। बजट में आम आदमी, मिडिल क्लास के लिए क्या-कुछ हो सकता है खास? जानें बजट 2025 से जुड़ी हर छोटी-बड़ी अपडेट लाइव…
बजट से पहले इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया (ICAI) ने मैरिड कपल के लिए जॉइंट टैक्स फाइलिंग सुविधा की मांग की है। यह सुविधा अमेरिका और इंग्लैंड में पहले से ही मौजूद है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा।
बजट में मांग हो रही है कि एनपीएस में अन्युटी से हर महीने मिलने वाली पेंशन को टैक्स से छूट मिले। इससे रिटायरमेंट के बाद एनपीएस की पेंशन पर निर्भर रहने वालों को राहत मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को हलवा समारोह में हिस्सा लिया और बजट बनाने में शामिल अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए तैयारियों की समीक्षा की।
बजट में मिडिल क्लास 10 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों पर टैक्स न लगाने की मांग कर रहा है। अभी तक ओल्ड रिजीम में ढाई लाख, जबकि नई रिजीम में 3 लाख रुपये तक छूट है।
बजट में सरकार सब्सिडी में बड़ी कटौती कर सकती है और पूंजीगत व्यय-संचालित निवेश के जरिए बुनियादी ढांचे और लंबी अवधि में विकास पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेगी।
पॉलिसी बाजार और वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म पैसा बाजार की पैरेंट कंपनी पीबीफिनटेक के संयुक्त समूह सीईओ सरबवीर सिंह ने बीमा क्षेत्र में धारा 80सी और 80डी के तहत कर नियमों में बदलाव की वकालत की है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने बजट से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। ये कंपनियां बॉटम लाइन में लिक्विडिटी बनाने में काफी मददगार होती हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आम बजट 2025 में भारत सरकार माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए स्पेशल फंड का एलान कर सकती है।
बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कैपिटल गेन्स टैक्स के नियमों को आसान बना सकती है। इसके लिए वह बजट में कोई घोषणा कर सकती हैं। टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट में कैपिटल गेन्स के नियमों में बदलाव होने की संभावना न के बराबर है।
बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वरिष्ठ नागरिकों को बड़ा तोहफा दे सकती हैं। माना जा रहा है कि सीनियर सिटीजन को किराए में 50 फ़ीसदी की छूट मिलनी शुरू हो जाएगी। पहले भी यह छूट मिला करती थी लेकिन कोविड के दौरान इसे बंद कर दिया गया था।
बजट के दौरान मिडिल क्लास बड़ी राहत की उम्मीद देख रहा है। कहा जा रहा है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया जा सकता है। अभी यह 75 हजार रुपये है।
बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को भी काफी उम्मीदें हैं। रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार बजट में उन्हें इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाएगा।
बजट से पहले कांग्रेस ने बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगारी और महंगाई दर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि देश को महंगाई से राहत देने वाला बजट चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इनकम टैक्स में कटौती के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि टैक्स कटौती की बजाय सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नए 25% टैक्स स्लैब का ऐलान कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री किसान योजना के सम्मान निधि में मोदी सरकार वृद्धि कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार 6000 रुपये की आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 12000 कर सकती है।
केंद्र सरकार बजट में किसानों को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाली लोन राशि की लिमिट को केंद्र सरकार बढ़ा सकती है। इसे 5 लाख तक किया जा सकता है, जो अभी साढ़े तीन लाख रुपये है। इससे 7.5 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा।
मोदी सरकार रेलवे का बजट बढ़ा सकती है। बताया जा रहा है कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार 15 से 20 फीसदी तक रेल बजट बढ़ाया जा सकता है। रेल बजट को 3.5 लाख करोड़ तक किया जा सकता है।
मोदी सरकार की ओर से बजट में नई ट्रेनों का ऐलान किया जा सकता है। माना जा रहा है कि 10 वंदे भारत स्लीपर और 100 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की घोषणा की जा सकती है।
केंद्रीय बजट 2025-26 के लिए बजट तैयारी प्रक्रिया के अंतिम चरण में हलवा समारोह वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को शाम 5 बजे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में आयोजित किया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भारत का रक्षा बजट हाल के वर्षों के अनुसार ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 1.9 से 2 प्रतिशत के आसपास होने की उम्मीद है। हालांकि माना जा रहा है कि बढ़ते बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
देश का मिडिल क्लास इस बार के बजट से काफी उम्मीदें कर रहा है। मिडिल क्लास का ध्यान टैक्स स्लैब पर है और उम्मीद कर रहा है कि सरकार उन्हें टैक्स भरने में कुछ रियायत प्रदान करेगी।
बार्कलेज ने एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पहले कहा कि इस बजट से मुख्य मांग राजकोषीय मजबूती की राह पर चलने के साथ आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की है। बार्कलेज की मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) आस्था गुडवानी ने एक बयान में कहा कि उपभोग को समर्थन देने के प्रयास में वित्त मंत्री को कर स्लैब में बदलाव कर व्यक्तिगत आयकर दर में ‘असरदार’ कटौती करनी चाहिए। ऐसा करने से राजकोषीय लागत ज्यादा बढ़ने की आशंका नहीं है। गुडवानी ने कहा, “इस घोषणा के तहत कर में उछाल से राजस्व में आई कमी की भरपाई हो जाएगी। हमें लगता है कि खपत को बढ़ावा देने की जरूरत है, खासकर निजी निवेश के साथ जो अब मांग में वृद्धि का इंतजार कर रहा है।” बार्कलेज को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई कर व्यवस्था के प्रावधानों में बदलावों का ऐलान करेंगी जिससे यह अधिक करदाताओं के लिए आकर्षक बन जाएगी।
वित्तीय सेवा प्रदाता बार्कलेज ने गुरुवार (23 जनवरी 2025) को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार को खपत और मांग को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में ‘असरदार’ कटौती की घोषणा करनी चाहिए।
टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें हैं। हो सकता है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स में राहत दे तो उनकी डिस्पोजेबल इनकम बढ़ जाए।
इसके अलावा EV पर टैक्स नियम व सब्सिडी की उम्मीद भी बजट 2025 में की जा रही है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बजट में सस्ते किए जाने का ऐलान किया जा सकता है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि अगर सरकार NPS में टैक्स डिडक्शन की लिमिट बढ़ा देती है तो निकासी के नियम आसान हो जाएंगे और इससे नेशनल पेंशन सिस्टम में लोगों की दिलचस्पी बढ़ सकती है।
आम टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार यूनियन बजट 2025 में इनकम टैक्स के नए रिजीम को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है। सरकार का जोर नए रिजीम को बढ़ावा देने पर रहा है। शुरुआत में नए रिजीम में टैक्सपेयर्स ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, लेकिन अब करीब 72 प्रतिशत इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स नए रिजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की 3.0 सरकार को वृद्धि तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में ‘‘राजनीतिक रूप से कठिन’’ संरचनात्मक सुधारों को लागू करने के लिए अपनी विशाल राजनीतिक पकड़ का इस्तेमाल करना चाहिए।
वीडियोटेक्स के निदेशक अर्जुन बजाज ने कहा, “टेलीविजन विनिर्माण उद्योग ने लंबे समय से पीएलआई योजना के कार्यान्वयन और डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर जैसे जरूरू कंपोनेंट के लिए एक स्थानीय ईकोसिस्टम बनाने की वकालत की है। इसके अलावा, 40 इंच और बड़े टीवी पर मौजूदा 28% जीएसटी, जिन्हें लक्जरी सामान के रूप में कैटेगराइज किया गया है, उनका दोबारा आंकलन किया जाना चाहिए, क्योंकि ये उत्पाद आवश्यक हो गए हैं। इस टैक्स को हटाने से बिक्री बढ़ सकती है और इंडस्ट्री को लाभ हो सकता है। एक्सपोर्ट प्रमोशन के सपोर्ट के लिए नए व्यावसायिक अवसर खुलेंगे। इसके अलावा, ध्यान पूरी तरह से विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करने से हटकर अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद इनोवेशन को बढ़ावा देने और परिचालन और उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित होना चाहिए। यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार अंतिम उत्पाद की लागत को बनाए रखने में मदद के लिए ओपन सेल कंपोनेंट पर आयात शुल्क बढ़ाने से परहेज करे।
2019 में भारी कर कटौती के बावजूद वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 24 तक कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय केवल 8 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि नीति निर्माताओं को स्थायी निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, खासकर जब सरकारी पूंजीगत व्यय उसी अवधि के मुकाबले 16 प्रतिशत सीएजीआर (CGAR) से बढ़ता है।