ट्रंप सरकार द्वारा शुरु लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद दुनियाभर के बाजारों में उथल-पुथल मच गई। भारत,चीन, सिंगापुर, वियतनाम समेत 180 देशों पर ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यव्स्था को बूस्ट करने का हवाला देते हुए इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा दिया। इसके बाद चीन-यूएस में ट्रेड वॉर की शुरुआत हो गई और दुनिया के दो सबसे ताकतवर देशों में टैरिफ लगाने का ‘खेल’ अभी भी जारी है। लेकिन ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों को 90 दिनों तक टैरिफ में राहत दे दी है। सबसे खास बात है कि भारत ने टैरिफ लगाने की खबरों के बीच खूब कमाई कर ली है। जी हां, मार्च 2025 में भारत का अमेरिकी में होने वाला निर्यात 35 प्रतिशत उछल गया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार (16 अप्रैल 2025) को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय निर्यातकों ने 2 अप्रैल को लागू होने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ को मात देने के लिए खूब जल्दबाई दिखाई, जिससे पिछले महीने अकेले अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का सामान भेजा गया – जो पिछले साल मार्च की तुलना में 35 प्रतिशत की तेज छलांग है।

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जैसा कि हमने बताया कि ट्रंप ने अपने ‘टैरिफ बम’ से 90 दिनों की राहत दे दी है। लेकिन दुनिाभर में निर्यातकों ने टैरिफ शुरु होने से पहले शिपमेंट में तेजी लाने के लिए पिछले महीने काफी संघर्ष किया था। उदाहरण के लिए टेक दिग्गज Apple iPhones के कई कंसाइनमेंट टैरिफ लागू होने से बिल्कुल पहले अमेरिका भेजा था।

आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में अमेरिका को भारत का निर्यात 10.14 बिलियन डॉलर था, जो मार्च 2024 में 7.51 बिलियन डॉलर से 35.06 प्रतिशत अधिक था। पूरे वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए, अमेरिका को कुल 86.51 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ – जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 77.52 बिलियन डॉलर की तुलना में 11.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।

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इस बीच, मार्च 2025 में अमेरिका से माल आयात (Import) भी बढ़कर 3.70 बिलियन डॉलर हो गया, जो मार्च 2024 की तुलना में 9.63 प्रतिशत अधिक है। उसी वित्तीय वर्ष में, आयात 7.44 प्रतिशत बढ़कर 45.53 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 में यह 42.13 बिलियन डॉलर था।

आंकड़ों से आगे पता चला कि 2024-25 में भारत का कुल सामान और सेवाओं का निर्यात (Export) रिकॉर्ड 820.93 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 778.13 बिलियन डॉलर से 5.50 प्रतिशत अधिक है। सेवा निर्यात 12.45 प्रतिशत बढ़कर 383.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि माल निर्यात में 0.08 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, जो 437.42 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

2 अप्रैल को टैरिफ लागू होने की समय सीमा से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 90 दिनों की रोक की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि 75 देशों ने व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका से संपर्क किया था। हालांकि, ट्रम्प ने इसके साथ ही चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया।

भारत और अमेरिका वर्तमान में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (bilateral trade agreement) पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य 2030 तक व्यापार को मौजूदा $191 बिलियन से $500 बिलियन तक दोगुना करना है। सौदे का पहला फेज इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है।