भारतीय रेल में बदलाव की क्रांति लाने की शुरुआत करने वाली ट्रेन 18 ट्रायल के दौरान पटरियों पर नजर आई थी। ट्रायल के दौरान 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार भरकर सभी को चौंका दिया था। हालांकि अब ट्रेन 18 को लेकर ऐसी खामी सामने आई है जिसे जान लोगों को भरोसा नहीं होगा। वैसे तो ट्रेन 18 को चलाने के लिए रेलवे भी देरी नहीं चाहता। लेकिन इस ट्रेन में एक बड़ी खामी सामने आने इसे लोगों के लिए उतारने में देरी हो रही है। बताया जा रहा है कि अगर खामी न दूर हुई तो आईआरसीटीसी अपनी सेवाएं नहीं दे पाएगा।

दरअसल, सेमी बुलेट ट्रेन का दर्जा पाई ट्रेन 18 में खानपान की वस्तुओं को रखने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं है। इसकी जानकारी ट्रेनों और स्टेशनों पर यात्रियों के खानपान के साथ अन्य सहूलियत देने वाले आईआरसीटीसी की तरफ से दी गई है। आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि, शताब्दी की जगह चलाई जाने वाली ट्रेन 18 में खान पान का सामान रखने के लिए जगह न के बराबर है। लोगों को खाने पीने का सामान रखने की पर्याप्त जगह देने के लिए आईआरसीटीसी ने नेशनल ट्रांस्पोर्टर से इसके लिए अनुरोध भी किया है।

खान पान के सामान को रखने के लिए इसमें शताब्दी के मुकाबले महज 25फीसदी जगह है। ऐसे में खानपान की वस्तुओं को टॉयलेट के पास रखना बड़ी मजबूरी हो सकती है। हालांकि इसके लिए आईआरसीटीसी सहमत नहीं हो पाया है। बता दें कि, ट्रेन 18 को दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाया जाएगा। इस सफर में केवल 8 घंटे लगेंगे। अब तक इस सफर के लिए अन्य ट्रेनें करीब 15 घंटे काम समय लगाती हैं। इसका किराया शताब्दी से महंगा हो सकता है। कुछ दिन पहले संभावना जताई गई थी कि इस ट्रेन को आम जनता के लिए कुंभ से पहले शुरू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने खुद इस ट्रेन का मुआयना किया।

बता दें कि, ट्रेन 18 शताब्दी की तरह से ही फुल्ल एयर कंडीशनर होंगी। ट्रेन में एग्जीक्यूटिव और नॉन एग्जीक्यूटिव कैटेगरी के 16 कोच होंगे। एग्जीक्यूटिव चेयर कार में कुर्सियों को आप अपनी सहूलियत के हिसाब से में घूमने योग्य भी बना सकते हैं। वहीं नॉन एग्जीक्यूटिव कैटगरी में शताब्दी की तरह ही 3+2 कनफीगर में सीटें होंगी। इस क्लास की सीटें शताब्दी के स्टैंडर्ड कोच की तरह होंगी।