पिछले दो साल में महामारी के बाद भी भारतीय शेयर बाजार ने विश्लेषकों को चौंकाया है, जहां कई स्टॉक ने निवेशकों को मल्टीबैगर स्टॉक से मालामाल किया है तो वहीं इस अवधि में रिकॉर्ड स्तर पर डीमैट अकाउंट खोले गए हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों की संख्या 10 करोड़ के पार हो चुकी है।
वहीं अगस्त के दौरान ही सीडीएसएल ने 7 करोड़ से अधिक डीमैट खाते खोलने के रिकॉर्ड को पार किया है, जो दो साल के दौरान तीन गुना से अधिक का उछाल है। सीडीएसएल ने जनवरी 2020 में 2 करोड़ डीमैट का आंकड़ा पार किया था। गौरतलब है कि भारतीय शेयरों ने 2020 की शुरुआत और अक्टूबर 2021 के बीच दुनिया का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है।
इसके बाद, फेडरल रिजर्व की ओर से आक्रामक दर वृद्धि के बारे में बढ़ती चिंताओं के कारण विदेशी निवेशकों को स्थानीय शेयरों से रिकॉर्ड 33 बिलियन डॉलर की निकासी करनी पड़ी। हालांकि इस तिमाही में विदेशी फंडों ने 7.6 अरब डॉलर का निवेश के साथ जोरदार वापसी की है।
भारत दुनिया के बाकी हिस्सों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इस साल जहां एसएंडपी 500 18 प्रतिशत नीचे है, वहीं निफ्टी 1.8 प्रतिशत ऊपर है। खुदरा निवेशक सीधे और म्यूचुअल फंड में SIP के माध्यम से अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक बेहतर रहा है। इस दौरान भारत में कुल डीमैट खाते अगस्त में 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं।
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि यह वास्तव में, एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने खुदरा निवेशकों को सीधे शेयरों में निवेश करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि “बाजार में सीधे निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों को निम्न-श्रेणी के सस्ते शेयरों का पीछा करने की गलती नहीं करनी चाहिए।
सीडीएसएल वर्तमान में सक्रिय डीमैट खातों के मामले में देश का सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है। सीडीएसएल के एमडी और सीईओ नेहल वोरा ने कहा कि “हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निवेशक अब भारत की विकास गाथा में योगदान दे रहे हैं। “