अगर आपके पास भी दस रुपए के वो सिक्के हैं, जिनमें रुपए के निशान नहीं हैं और आप इन सिक्कों को यह सोच कर चलाने से घबरा रहे हैं कि वह सिक्के नकली हैं। तो नोटबंदी के इस माहौल में यह सूचना राहत देने वाली है। सरकार की ओर से नोटों की बंदी से पहले दस के सिक्कों के नकली होने की अफवाह ने लोगों को परेशान किया था। जिसकी वजह से दुकानदारों ने इन सिक्कों को लेने से मना कर दिया था।इस पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अधिसूचना जारी साफ किया गया है कि बाजार में चल रहे ऐसे सिक्के नकली नहीं हैं। बैंक की ओर से यह आदेश दिया गया है कि इन सिक्कों का प्रयोग लोग संवैधानिक रूप से कर सकते हैं। आरबीआइ ने कहा कि जिन सिक्कों पर रुपए का निशान नहीं बना है लोग उसे नकली मानकर लेन देन नहीं रहे हैं यह पूरी तरह से अवैधानिक है।
इन सिक्कों को भी भारत सरकार ने ही जारी किया है। आरबीआइ ने यह भी जानकारी दी कि जुलाई 2011 में रुपए के निशान को जारी किया गया था। जुलाई के बाद ढाले गए सिक्कों पर रुपए का निशान ग्ब उस साल भी वैसे सिक्के बाजार में उतारे गए हैं जिनपर रुपएका निशान नहीं बना था इसलिए दोनों ही सिक्के असली हैं। आरबीआइ की ओर से यह अपील भी की गई है कि वह ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं जो गलत अफवाहें फैलाकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन के राष्टÑीय महासचिव एसएस सिसोदिया ने भी आरबीआइ की ओर से जारी स्पष्टीकरण को सही बताते हुए कहा कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि जब तक रिजर्व बैंक की ओर से कोई सूचना या आदेश जारी न किया जाए उस पर विश्वास नहीं करें। सिसोदिया ने कहा की जब भारतीय बाजार मुद्रा की कमी से जूझ रहा है ऐसे समय में यह सूचना और पहले जारी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के सरकार के फैसले के बाद आरबीआइ को और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। इधर आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स एसोसिएशन उपाध्यक्ष डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी किए गए वैध मुद्राओं को लेने इनकार करने वालों के खिलाफ शिकायत भी की जा सकती है।
