टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने सोमवार (29 अगस्त) को दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा से मुलाकात की। उन्होंने इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया। टाटा के जापान की कंपनी एनटीटी डोकोमो के साथ जारी विवाद तथा आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के मद्देनजर यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। स्पेक्ट्रम नीलामी सितंबर के अंत में होनी है। बैठक करीब 20 मिनट चली। मिस्त्री ने बैठक के बारे में कुछ कहने से इनकार करते हुए इसे शिष्टाचार भेंट बताया। उन्होंने टाटा डोकोमो मुद्दे पर कुछ कहने से इनकार किया। एनटीटी डोकोमो ने नवंबर, 2008 में टाटा टेलीसर्विसेज की 26.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 117 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर 12,740 करोड़ रुपए में खरीदी थी। उस समय दोनों के बीच यह समझ बनी थी कि यदि जापानी कंपनी पांच साल के अंदर इस उपक्रम से बाहर निकलती है, तो उसे अधिग्रहण मूल्य का कम से कम 50 प्रतिशत दिया जाएगा।
अप्रैल, 2014 में डोकोमो ने इस संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने का फैसला किया। उसने टाटा से 58 रुपए प्रति शेयर या 7,200 करोड़ रुपए मांगे। लेकिन भारतीय समूह ने सिर्फ 23.34 रुपए प्रति शेयर की पेशकश की। यह रिजर्व बैंक के उन दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं जो कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कंपनी अपना निवेश निकाल सकती है लेकिन उसे मूल्यांकन इक्विटी पर रिटर्न के आधार पर ही दिया जाएगा।
जापानी कंपनी ने टाटा को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में घसीटा जहां टाटा समूह को उसे 1.17 अरब डॉलर देने को कहा गया। इस आदेश का पालन करने के लिए टाटा समूह ने रिजर्व बैंक के पास आवेदन कर विदेशी विनिमय कानून की छूट मांगी। रिजर्व बैंक ने इस बारे में वित्त मंत्रालय को लिखा। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक के आग्रह को खारिज करते हुए कहा कि यदि एक मामले में इसकी अनुमति दी जाती है, तो अन्य को भी इसकी अनुमति देनी होगी।