सुप्रीम कोर्ट मुश्किलों में घिरे सहारा समूह के खिलाफ निवेशकों का धन वापस करने के संबंध में एक अंतरिम आदेश जारी किए जाने के आग्रह के साथ दायर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की याचिका पर दो फरवरी को सुनवाई करने पर सहमत हुआ है। इस याचिका में संकटग्रस्त सहारा समूह की दो कंपनियों की बिक्री के लिए रिसीवर की नियुक्ति की अपील की गई है, जिससे 36,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाकर निवेशकों का भुगतान किया जा सके। सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय इस मामले में मार्च, 2014 से जेल में हैं।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले पीठ ने इस याचिका पर बुधवार को कहा- हम इस पर दो फरवरी को 3.30 बजे सुनवाई करेंगे। इससे पहले सेबी की ओर से मौजूद वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने याचिका पर सुनवाई किए जाने की अपील की। सेबी ने इसमें मांग की है कि इस मामले से जुड़ी सहारा समूह की दो कंपनियों द्वारा अदालती आदेश के बावजूद निवेशकों का धन नहीं लौटाए जाने के मद्देनजर उनकी परिसंपत्तियों का नियंत्रण लेने के लिए अदालत एक रिसीवर की नियुक्ति करे।

दातार ने कहा कि निवेशकों का धन लौटाने के मामले में तीन महीने से कोई प्रगति नहीं हुई है। हमें एक अंतरिम आदेश की जरूरत है। पीठ में न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति आर भाुनमति भी थे। पीठ ने कहा कि सुब्रत राय बंद हैं और इसलिए बातचीत करने में अपना समय ले रहे हैं।

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय व सहारा की कंपनियों के दो अन्य निदेशक रवि शंकर दुबे व अशोक राय चौधरी भी 4 मार्च, 2014 से जेल में हैं। इससे पहले अदालत ने सहारा समूह से जवाब मांगा कि निवेशकों के धन की वापसी हेतु 36,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था करने के लिए को उनकी संपत्ति की बिक्री के लिए क्यों न रिसीवर की नियुक्ति की जाए।

सहारा समूह ने हालांकि कहा कि एक यूरोपीय कंपनी ने समूह के बंदी मुखिया की मदद के लिए 72 करोड़ यूरो (यानी 5000 करोड़ रुपए) का कर्ज देने की पेशकश की है। सेबी का कहना है कि सहारा समूह की दोनों कंपनियां निवेशकों का पैसा लौटाने के शीर्ष अदालत के 31 अगस्त, 2012 के आदेश का अनुपालन करने की स्थिति में नहीं हैं। इसी आधार पर वह उनकी संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए रिसीवर की नियुक्ति किए जाने की मांग कर रहा है।

इससे पहले भी पीठ ने कहा था कि सहारा समूह को सेबी-सहारा खाते में में धन जमा कराने के लिए संम्पत्ति बेचने में मुश्किल हो रही है। अदालत ने राय की अंतरिम जमानत के लिए शर्त लगा रखी है कि वे 5,000 करोड़ रुपए नकद और इतने की ही बैंक गारंटी दें। निवेशकों को ब्याज सहित पूरा पैसा लौटाने के संबंध में की कड़ी शर्त लगा रखी है।