Patanjali Ads Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (13 अगस्त 2024) को योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ चल रहा अवमानना का मुकदमा बंद कर दिया। उच्चतम न्यायालय से रामदेव और बालकृष्ण को यह राहत लिखित में माफी मांगने के बाद मिली है। इस माफी में कहा गगया कि आगे से पतंजललि के उत्पादों को लेकर भ्रामक दावे और मिसलीडिंग विज्ञापन नहीं किए जाएंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में 14 मई को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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कोर्ट में बिना शर्त माफी स्वीकार

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस असनुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने आज ओपन कोर्ट में यह फैसला सुनाया। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का केस बंद करने के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोर्ट दोनों के द्वारा दिए गए बिना किसी शर्त माफीनामा को स्वीकार करती है। कोर्ट ने दोनों को भविष्य में अदालत का उल्लंघन ना करने की चेतावनी भी दी।

14 मई को SC ने सुरक्षित रख लिया था फैसला

आपको बता दें कि 14 मई को बेंच ने अवमानना केस में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं 23 अप्रैल को पतंजलि द्वारा अखबार में दिए गए सार्वजनिक माफी (Public apology) के साइज़ को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने एक बार फिर बड़े साइज़ में सार्वजनिक माफीनामा प्रकाशित किया था।

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कोर्ट में हाजिरी और हलफनामा अस्वीकार

इससे पहले 16 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि को सार्वजनिक माफीनामा जारी करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया था। और दोनों को अगली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा।

गौर करने वाली बात है कि 10 अप्रैल को कोर्ट ने बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण द्वारा पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर दाखिल किए गए दूसरे हलफनामे को स्वीकार करने से मना कर दिया था।

बता दें कि SC ने उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भी पतंजलि आयुर्वेद द्वारा प्रकाशित किए गए ‘भ्रामक विज्ञापनों’ के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करने पर लताड़ लगाई थी।

शोकॉज नोटिस: कब-कब, क्या-क्या हुआ?

2 अप्रैल को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस असनुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने रामदेव और बालकृष्ण दोनों को अगली सुनवाई पर कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया था। बेंच ने एक हफ्ते के भीतर इन दोनों को इस मामले में हलफनामा जमा करने का यह आखिरी मौका भी दिया।

इससे पहले 19 मार्च को कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को अवमानना मामले में जारी शोकॉज नोटिस का जवाब ना देने पर पहली बार अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था।

इससे पहले 27 फरवरी को कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद पर एलोपैथी दवाइयों के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अपनी आयुर्वेदिक दवाइयों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी।