Founder Of Sahara India Parivar: सुब्रत रॉय सहारा भारतीय बिजनेस का एक जाना-पहचाना नाम, जिनके ग्रुप (सहारा ग्रुप) को साल 2004 में टाइम मैगजीन ने देश के दूसरे सबसे बड़े नौकरी देने वाले के रूप में जगह दी थी। उस वक्त सहारा में करीब 12 लाख कर्मचारी कार्य करते थे। रॉय ने अपने कारोबार की शुरुआत मात्र दो हजार रुपये से की थी, जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया सुब्रत रॉय बुलंदियों को छूने लगे और देखते ही देखते वो करोड़ों के मालिक बन गए।

फोर्ब्स ने साल 2015 में उनकी नेटवर्थ को अफवाहों के आधार पर करीब 10 अरब डॉलर बताया था, लेकिन आज अगर सहारा समूह की वेबसाइट के दावों को माना जाए तो समूह के पास करीब 2.59 लाख करोड़ की नेटवर्थ है।

सहारा ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक, समूह के पास 9 करोड़ निवेशक हैं। 2,59,900 करोड़ की नेटवर्थ है। करीब 30,970 एकड़ का लैंडबैंक है। इसके अलावा देशभर में इनकी 50 हजार से ज्यादा इकाइयां है। जिसमें लखनऊ का सहारा शहर से लेकर पूरे देश में फैले सहारा के ऑफिस, इमारतें और मॉल शामिल हैं।

सुब्रत रॉय के बाद कौन संभालेगा विरासत-

सुब्रत रॉय सहारा अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे (पत्नी- स्वपना रॉय, बेटे- सुशांतो रॉय, सीमांतो रॉय) छोड़ गए। इस बात की पूरी संभावना है कि रॉय के निधन के बाद सहारा ग्रुप का कारोबार इन्हीं के हाथों में होगा। हालांकि, सुब्रत रॉय ने अपना कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था। न ही अभी सहारा ग्रुप की तरफ से किसी तरह का कोई बयान सामने आया है।

IPL, होटल और एयरलाइन तक आजमाया हाथ-

सुब्रत रॉय जब बुलंदियों पर थे, उस दौरान उन्होंने अपने बिजनेस में तेजी से विस्तार किया। फाइनेंस कंपनियों से शुरुआत करने के बाद सहारा ग्रुप सहारा एयरलाइन बिजनेस, अंबे वैली से लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट, लंदन-न्यूयार्क में होटल, IPL टीम और लंबे वक्त तक भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसर, फॉर्मूला वन टीम और मीडिया तक में हाथ आजमाया।

सुब्रत रॉय के सितारे जब गर्दिश में आए और कानूनी शिकंजे में फंसे तो फिर फंसते ही चले गए और एयरलाइन, होटल समेत कई बिजनेस से हाथ धोना पड़ा। मगर, निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर हुए कानूनी विवादों में फंसकर उन्हें तिहाड़ की सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा। इसके बाद कानूनी पचड़ों से बचने के लिए उनके परिवार ने भारत की नागरिकता छोड़ दी थी। सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय (Swapna Roy) और बेटे सुशांतो रॉय (Sushanto Roy) ने यूरोपीय देश रिपब्लिक ऑफ मैसेडोनिया (Macedonia) की नागरिकता ले ली थी।

स्वप्ना रॉय और सुशांतो रॉय की नागरिकता पर सहारा खुलकर कुछ नहीं बताती। हालांकि, सूत्रों के अनुसार कंपनी ने मेसेडोनिया में तीन बिजनेस खोलने की योजना बनाई थी। सहारा वहां डेरी, सेवन स्टार होटल और फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में उतरना चाहती थी। नागरिकता के चलते कंपनी को टैक्स लाभ समेत दर्जनों फायदे होते। वहां की नागरिकता काफी सस्ती भी है।

सुब्रत रॉय के मैसेडोनिया के साथ अच्छे रिश्ते थे। कई बार उन्हें मैसेडोनिया में राजकीय अतिथि बनने का मौका भी मिला। उन्होंने मैसेडोनिया में मदर टेरेसा (Mother Teresa) का बड़ा स्टेचू बनाने का प्रस्ताव भी रखा था। साथ ही लास वेगास की तर्ज पर वह एक स्वांक कसीनो भी बनाना चाहते थे। मैसेडोनिया कभी युगोस्लाविया का हिस्सा था। वह 1991 में आजाद हुआ और 1993 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना।

मैसेडोनिया की कैसे मिलती है नागरिकता?

दक्षिण पूर्वी यूरोप में स्थित मैसेडोनिया की नागरिकता लेने के लिए केवल चार लाख यूरो का निवेश और 10 लोगों को नौकरी देनी होती है। इसके अलावा रियल एस्टेट में 40 हजार यूरो से अधिक का निवेश करने पर आपको एक साल तक मैसेडोनिया में रहने का अधिकार मिल जाता है। बता दें, मैसेडोनिया में बेरोजगारों की संख्या काफी अधिक है।