नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे तथा एचडीएफसी, विप्रो और एचडीएफसी बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम कम कारोबारी सत्र वाले इस सप्ताह में शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे। शेयर बाजार विशेषज्ञों ने यह बात कही है।
गुरूवार को दीवाली के कारण शेयर बाजार बंद रहेंगे तथा शुक्रवार को दीवाली बालीप्रतिपदा के लिए बाजार बंद रहेंगे। हालांकि, शेयर बाजारों में दिवाली के दिन विशेष मुहूर्त कारोबार होगा।
निकट भविष्य में बाजार की दिशा महाराष्ट्र व हरियाणा चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगी। इन दोनों राज्यों में चुनाव नतीजे आज आ रहे हैं। एक्जिट पोल में भविष्यवाणी की गई है कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिल सकता है।
इस सप्ताह जिन महत्वपूर्ण कंपनियों के नतीजे आने हैं उनमें एचडीएफसी बैंक, केयर्न इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी और विप्रो शामिल हैं।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज के खुदरा वितरण विभाग के अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान कारोबारियों की निगाह कुछ बड़ी कंपनियों के नतीजों पर होगी जिनमें केयर्न इंडिया, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, कोटक बैंक, विप्रो और कुछ अन्य कंपनियां शामिल हैं।
इसके अलावा विदेशी निवेशकों के निवेश का रूख, डॉलर के मुकाबले रुपए का उतार चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण होंगी। इस बीच वैश्विक वृद्धि दर को लेकर चिंता और इबोला वायरस के प्रसार को लेकर आशंका, बाजार धारणा को प्रभावित कर सकती है।
कियान्स एनालिटिक्स के सीईओ और सह.संस्थापक अमन चौधरी ने कहा, यूरोपीय रिण संकट को लेकर ताजा चिंता के बीच भारतीय बाजार में सतर्क कारोबार होने की संभावना है। उम्मीद से बेहतर परिणाम बाजार में तेजी ला सकते हैं जबकि वैश्विक चिंता बाजार की धारणा को मंद कर सकती है। कच्चे तेल की कीमत के रिकार्ड निम्न स्तर पर जाने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक :सीपीआई: का कम होना भारत के लिए सकारात्मक है जिससे शेयरों में तेजी आ सकती है।
बीते सप्ताह सेंसेक्स में लगातार चौथी बार साप्ताहिक आधार पर गिरावट आई। इस दौरान सेंसेक्स 188.85 अंक टूट गया।
वेरासिटी ब्रोकिंग सर्विसेज के शोध प्रमुख जिग्नेश चौधरी ने कहा, ै बाजार दो राज्यों के विधानसभा चुनावों से संकेत लेगा। एक्जिट पोल के मुताबिक सभी दलों में भाजपा भारी पड़ रही है तथा वह हरियाणा और महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है। इससे सुधारों के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।