देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) अपने डिजिटल प्लेटफार्म योनो को अलग इकाई बनाने की तैयारी कर रहा है। योनो यानी ‘You Only Need One App’ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एकीकृत बैंकिंग प्लेटफार्म है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया चेयरमैन रजनीश कुमार ने स्विफ्ट द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम सिबोस 2020 में कहा में कहा कि हम अपने सभी भागीदारों के साथ योनो को अलग इकाई बनाने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।’ रजनीश कुमार ने आगे कहा कि योनो के अलग इकाई बन जाने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इसका इस्तेमाल करने वालों में एक होगा।

हालांकि रजनीश कुमार ने कहा योनो को अलग इकाई बनाने के लिए हमारी बातचीत अभी शुरुआती दौर में है। इसके इवैल्यूएशन का काम अभी बाकी है। कुछ दिन पहले एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा था कि योनो का इवेलुएशन 40 अरब डॉलर के लगभग हो सकता है। रजनीश कुमार ने उस समय कहा था मैं काफी समय से स्टार्टअप्स को नजदीक से देख रहा हूं। दूसरे स्टार्टअप्स के मूल्य की योनो प्लेटफार्म के मूल्य की तुलना के हिसाब से योनो का इवैल्यूएशन 40 अरब डॉलर से कम नहीं होना चाहिए।

हालांकि रजनीश कुमार ने यह भी कहा था अभी एसबीआई ने योनो प्लेटफार्म के मूल्यांकन की कोई पहल शुरू नहीं की है, 40 अरब डॉलर का मूल्यांकन सिर्फ एक संभावना है। एसबीआई ने योनो प्लेटफार्म की शुरुआत 3 साल पहले की थी। योनो के 2.60 करोड़ पंजीकृत यूजर हैं, इसमें हर दिन लगभग 55 लाख लॉग-इन करते हैं। योनो प्लेटफार्म से हर दिन 4 हजार से ज्यादा से अधिक व्यक्तिगत ऋण आवंटित किए जाते हैं। इसके अलावा योनो प्लेटफार्म से हर दिन औसतन 16 हजार के करीब योनो कृषि एग्री गोल्ड लोन भी दिए जाते हैं।

रजनीश कुमार ने यह भी कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रिटेल भुगतान के लिए एक नई समग्र इकाई व्यवस्था के तहत अलग डिजिटल पेयमेंट कंपनी स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त में ही एक ऑल इंडिया रिटेल पेमेन्ट इकाई की अनुमति के लिए नियम कायदे जारी किए थे। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 26 फरवरी 2021 रखी है। फिलहाल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) देश की एकमात्र रिटेल भुगतान इकाई है।