भारतीय स्टेट बैंक ने लगातार 14वीं बार ब्याज की दर में कटौती की है। देश के सबसे बड़े बैंक ने बुधवार को ऐलान किया कि उसने एमसीएलआर आधारित कर्ज की ब्याज दर में 0.5 से 0.10 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती की है। बैंक की ओर से लिया गया यह फैसला 10 जुलाई से लागू होगा। एसबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कटौती तीन महीने के लिए की गई है ताकि लोन की मांग में इजाफा हो सके। इस कटौती के साथ ही बैंक की एमसीएलआर रेट 6.65 पर्सेंट हो चुकी है। बैंक की ओर से लगातार 14वीं बार इस कटौती के चलते अब एसबीआई की एमसीएलआर रेट देश के किसी भी बैंक के मुकाबले कम है।

एसबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एमसीएलआर में यह कटौती तीन माह तक के लिए दिए जाने वाले कर्ज पर लागू होगी। इसका मकसद कर्ज उठाव और मांग को बढ़ावा देना है। एमसीएलआर में की गई इस कटौती के बाद तीन माह तक की अवधि के कर्ज पर बैंक की ब्याज दर घटकर 6.65 प्रतिशत वार्षिक रह जाएगी। यह दर बैंक की बाहरी बेंचमार्क आधारित ब्याज दर (ईबीएलआर) के बराबर हो गई है। स्टेट बैंक की एमसीएलआर दर में की गई यह लगातार 14वीं कटौती है। इस कटौती के बाद यह दर बाजार में सबसे कम है।

फिलहाल बैंक की एमसीएलआर रेट 1 साल के लिए 7 पर्सेंट, दो साल के लिए 7.2 फीसदी, तीन साल के लिए 7.3 पर्सेंट है। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने जून महीने में कर्ज की ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संकट के चलते आर्थिक सुस्ती के हालात पैदा हुए हैं और इसके चलते मार्केट में कमी आई है। मार्केट में इस गिरावट की वजह से ही लोन की मांग में भी बड़ी कमी आई है। ऐसे में लोन की मांग में इजाफे के मकसद से केंद्रीय बैंक समेत तमाम वित्तीय बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती का रुख अपनाने का फैसला लिया है।