सोमवार को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, साल के आखिर में आई बंपर तेजी के बाद दोनों महंगी धातुएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं। कई कारोबारियों ने मुनाफा वसूली का फैसला किया जबकि छुट्टियों के चलते हल्के कारोबार ने कीमतों में उतार-चढ़ाव को और तेज कर दिया। सोने की कीमत एक दिन के करी लगभग 5% तक गिर गई जो 21 अक्टूबर के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। वहीं चांदी की कीमत में लगभग 11% तक की भारी गिरावट आई जो सितंबर 2020 के बाद इसकी सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट थी।

न्यू यॉर्क में दोपहर तक सोने की कीमत में करीब 4.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 4,343.38 डॉलर प्रति औंस पर था। बड़े गोल्ड माइनर्स के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई। Newmont, Barrick Mining और Agnico Eagle Mines के शेयर्स 6 प्रतिशत से भी ज्यादा तक गिर गए।

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चांदी की कीमत 8.5% गिरकर 72.58 डॉलर प्रति औंस रह गई जबकि इससे पहले दिन में यह 84.01 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी। वहीं प्लेटिनम में 14% की तेज गिरावट दर्ज की गई जबकि पैलेडियम लगभग 16% टूट गया। दोनों धातुओं में यह गिरावट 2020 के बाद की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट रही।

इस तेज गिरावट के बावजूद चांदी इस साल अब भी लगभग 140% ऊपर है। यही वजह है कि निवेशकों के सामने अब एक बड़ा सवाल है कि आखिर आगे चांदी की कीमतें किस दिशा में जाएंगी?

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क्रैश हुई चांदी, मिल रहे क्या संकेत?

बाजार से मिले संकेत पहले ही चेतावनी दे रहे थे कि चांदी की कीमतों में जरूरत से ज्यादा तेजी आ गई है। दिसंबर के मिड से चांदी चांदी के भाव में 25 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हो चुका था। इसका मोमेंटम इंडिकेटर 70 के स्तर से काफी ऊपर बना हुआ था जो इस बात का संकेत है कि बहुत सारे निवेशकों ने सिल्वर में आई बंपर तेजी के बाद बाजार में एंट्री की थी। जब लंदन के चांदी बाजार में गंभीर “स्क्वीज़” देखने को मिली थी, उसके सिर्फ दो महीने बाद यह नई तेजी देखने को मिली। उस दौरान ETF में जबरदस्त खरीदारी और भारत को निर्यात के कारण पहले से ही कम हो चुके भंडार (inventories) और घट गए थे।

कीमतों में गिरावट के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा फिजिकल सिल्वर ईटीएफ iShares Silver Trust भी लगभग 10% तक टूट गया। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, यह 2020 के बाद इसकी सबसे बड़ी गिरावट थी।

गोल्ड को फॉलो कर रही चांदी?

इस साल कीमती धातुओं की मांग काफी मजबूत रही है क्योंकि अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद दुनियाभर में व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ा। कई निवेशकों का मानना है कि जब सोने की कीमत बढ़ती है तो चांदी भी उसके साथ चलती है। कुछ कारोबारी सोना-चांदी मूल्य अनुपात (गोल्ड-टू-सिल्वर रेशियो) पर भी नजर रखते हैं। इस साल की शुरुआत में यह अनुपात 100 से ऊपर चला गया था जिसे कई लोगों ने चांदी खरीदने का संकेत माना।

चीन में हुई चांदी की जबरदस्त खरीदारी

जब चांदी की कीमत 84 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई तो उसके बाद अचानक सिल्वर के रेट में बंपर गिरावट आ गई। इस उछाल का मुख्य कारण चीन में भारी खरीदारी रही। चीनी निवेशकों की मजबूत मांग ने कीमतों को ऊपर किया और शंघाई में प्रीमियम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गए।

शंघाई में स्पॉट चांदी की कीमत लंदन के मुकाबले प्रति औंस 8 डॉलर से भी ज़्यादा पर कारोबार कर रही थी जो अब तक का सबसे बड़ा अंतर है। चाइना फ्यूचर्स लिमिटेड के विश्लेषक वांग यानछिंग ने कहा कि सट्टेबाज़ी बेहद चरम स्तर पर पहुँच चुकी थी। वांग ने ब्लूमबर्ग से कहा,“सट्टेबाज़ी का माहौल बहुत ज़्यादा मजबूत है। सप्लाई में कमी को लेकर कई तरह की खबरें हैं और यह कुछ ज्यादा ही आगे निकल गई है।”

सिल्वर ETFs में बढ़ रहा पैसा

इस साल सिल्वर-सपोर्टेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में भी भारी निवेश देखने को मिला है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इन फंड्स में 150 मिलियन औंस से ज़्यादा चांदी जोड़ी गई है।

हालांकि, होल्डिंग्स अब भी 2021 के रिटेल ट्रेडिंग बूम के दौरान देखे गए ऑलटाइम हाई से नीचे हैं। लेकिन लगातार हो रही इस आमद ने बाजार में उपलब्ध चांदी की मात्रा को कम कर दिया है। ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, इस साल लगभग हर महीने ETF होल्डिंग्स में बढ़ोतरी हुई है।

सट्टेबाजी को धीमा करने के लिए एक्सचेंज ले रहे फैसले

जोखिम को नियंत्रित करने के लिए कुछ एक्सचेंज हस्तक्षेप कर रहे हैं। CME Group ने कहा कि कुछ कॉमेक्स चांदी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के मार्जिन सोमवार से बढ़ा दिए जाएंगे। जब मार्जिन बढ़ा दिए जाते हैं तो व्यापारियों को अपनी पोजिशन खुली रखने के लिए ज्यादा नकद निवेश करना पड़ता है। जो व्यापारी यह नहीं कर सकते उन्हें अपने ट्रेड को घटाने या बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला सट्टेबाजी को धीमा कर सकता है।

सट्टेबाज़ी: चांदी की कीमतें बढ़ती रहेंगी

चांदी की कीमतों के बढ़ने के कई संकेत मिल रहे हैं। कई व्यापारी कॉल ऑप्शंस खरीद रहे हैं जो ऊंची कीमतों पर दांव लगाने का एक लोकप्रिय तरीका है। सबसे बड़े चांदी ETF, iShares Silver Trust, में इस तरह की सट्टेबाज़ी अब 2021 के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गई है।

हालांकि लंदन की वॉल्ट में 2021 के बाद से कुछ सप्लाई आ गई है। लेकिन दुनिया की अधिकांश उपलब्ध चांदी अभी भी न्यूयॉर्क में रखी हुई है। व्यापारी उस अमेरिकी जांच के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं जिसके कारण टैरिफ़ या अन्य व्यापारिक प्रतिबंध लग सकते हैं।

दबाव में सिल्वर मार्केट

रणनीतिकारों के हवाले से ब्लूमबर्ग का कहना है कि चांदी के भाव में असामान्य उतार-चढ़ाव भौतिक बाजार में बड़ी समस्याओं का संकेत देते हैं। Markets Live के मैक्रो स्ट्रैटजिस्ट ब्रेंडन फागन ने कहा कि चांदी की तेज बढ़ोत्तरी और अचानक गिरावट यह दिखाती है कि सप्लाई कितनी दबाव में है। उन्होंने यह भी बताया कि नए साल के करीब आने के साथ चीन अब एक बड़ा प्रेशर पॉइन्ट बन गया है। फिलहाल, चांदी मजबूत मांग, सीमित आपूर्ति और एक तेजी से बढ़ते बाजार के बीच फंसी हुई है।