भारत के कारोबार और खासतौर पर टेक स्टार्टअप्स में चीन के दखल का अंदाजा लगाना मुश्किल है। चीनी ऐप्स को बैन किए जाने के बाद बड़े पैमाने पर डाउनलोड हुए Sharechat ऐप में भी पड़ोसी देश की कंपनियों का ही निवेश है। महज 36 घंटे में Sharechat के 15 मिलियन यानी 1.58 करोड़ डाउनलोड हुए हैं। भले ही यह ऐप भारतीय है, लेकिन बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें भी बड़े पैमाने चीनी पैसा लगा है। चीनी कंपनी Shunwei Capital, शाओमी और मॉर्निंगसाइड वेंचर कैपिटल का शेयरचैट में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है।
Sharechat भारत का ऐसा पहला सोशल मीडिया ऐप है, जिसे 2019 में ट्विटर ने भी फंडिंग की थी। तब ट्विटर ने इस प्लेटफॉर्म पर 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। इसके साथ ही कंपनी को मिली कुल फंडिंग 224 मिलियन डॉलर के लेवल पर पहुंच गई थी। हालांकि शेयरचैट अभी मुनाफे में चल रही कंपनी नहीं है, फाइनेंशियल ईयर 2019 में इसे 415 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। इससे पहले 2018 में कंपनी को 33.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। भारतीय भाषाओं के ऐप के तौर पर लोकप्रिय शेयरचैट के डाउनलोड्स में चीनी ऐप्स पर बैन के बाद तेजी से इजाफा हुआ है।
शेयरचैट के फाउंडर और सीओओ फारिद अहसान ने बताया, ‘हम काफी रोमांचित हैं कि लोग शेयरचैट को भारतीय प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। हम लोगों को जबरदस्त समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शेयरचैट को एक बार फिर से बड़ी सफलता हासिल होगी।’
हिंदुस्तान यूनिलीवर से चीन को लगेगा 400 करोड़ का झटका: इस बीच चीन को एक और जोर का झटका देते हुए मल्टीनेशनल एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कहा है कि वह चीन से कच्चे माल के आयात का विकल्प तलाशने पर फोकस कर रही है। कंपनी के सीएमडी संजीव मेहता ने शेयरहोल्डर्स से बातचीत में कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान यूनिलीवर हर साल 400 करोड़ रुपये का कच्चा माल चीन से आयात करता है, जिसके विकल्प को लेकर हमने चर्चा शुरू कर दी है।

