शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि व्युत्पन्न अनुबंध की समाप्ति से पूर्व भारतीय शेयर बाजार में उतार चढ़ाव रह सकता है। इसके अलावा नोटबंदी तथा संसद की कार्यवाही से भी शेयर बाजार पर असर पड़ेगा। आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेन्ट्स के निदेशक एवं शोध प्रमुख अबनीश कुमार सुधांशु ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कुछ मुद्राओं का प्रचलन बंद किया जाना बाजार की धारणा पर असर डालना जारी रखेगा और इससे बाजार की धारणा निर्धारित होगी। इसके अलावा इस सप्ताह कोई खास आर्थिक आयोजन नहीं है इसलिए मुद्राओं को प्रचलन से बाहर किया जाना बाजार के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम बना रहेगा।’

सुधांशु ने कहा, ‘सप्ताह के दौरान कुछ मु्रदाओं को प्रचलन से बाहर किए जाने के बीच अगर बैंक में जमा की दर उम्मीद से अधिक रहती है, तो बाजार द्वारा इसे सकारात्मक भाव से लिए जाने की उम्मीद है।’ विश्लेषकों ने कहा कि बाजार की सतर्क निगाह कुछ मुद्राओं को प्रचलन से बाहर किये जाने के बाद आगे की स्थिति और संसद की कार्यवाही पर होगी।

ट्रेड स्मार्ट ऑनलाईन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा, ‘इस सप्ताह वैश्विक संकेत और संसद की कार्यवाही बाजार की धारणा पर असर डालते रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार के हालिया कुछ मु्रदाओं को प्रचलन से बाहर करने के बाद घरेलू स्तर पर नकदी का मुद्दा अर्थव्यवस्था पर असर डालता रहेगा। जबकि संसद सत्र का इस मुद्दे पर जारी गतिरोध बाजार धारणा पर असर डालते रहेंगे।’ इस सप्ताह प्रमुख कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो के तिमाही नतीजे आने हैं। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 668.58 अंक अथवा 2.49 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता जबकि निफ्टी 222.20 अंक अथवा 2.67 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता बंद हुआ।