Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जारी तेजी आज थम गई। आज (20 मई 2025) सुबह हरे रंग के निशान पर खुला बाजार थोड़ी ही देर में लाल रंग पर कारोबार करने लगा था। और कारोबारी सत्र के खत्म होने के समय दोनों सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज बाजार बंद होने के समय 872 अंक लुढ़क गया जबकि Nifty 50 में 261 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

‘पतन शुरू हो गया है….सोना, चांदी और Bitcoin से खुद को बचाएं’

कारोबार बंद होने के समय सेंसेक्स 872.98 अंक (1.06 प्रतिशत) गिरकर 81186.44 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 50 आज 261.55 (1.04 प्रतिशत) गिरकर 24,683.90 के स्तर पर रह गया।

कारोबार के दौरान, एक समय यह 905.72 अंक लुढ़क गया था। सेंसेक्स के तीस शेयरों में से 27 नुकसान में जबकि तीन लाभ में रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 261.55 अंक यानी 1.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,683.90 अंक पर बंद हुआ।

मिडिल क्लास को मिली टैक्स से बड़ी राहत, इस देश में टू-इनकम फैमिली को होगी हर साल 50000 से ज्यादा की बचत

विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों ने मुनाफावसूली का विकल्प चुना। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) में सबसे अधिक 4.10 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, नेस्ले, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं। एचडीएफसी बैंक में 1.26 प्रतिशत और सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.13 प्रतिशत की गिरावट आई। दूसरी तरफ टाटा स्टील, इन्फोसिस और आईटीसी के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।

जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘प्रमुख सकारात्मक संकेतकों के अभाव और अमेरिकी राजकोषीय स्थिरता पर मौजूदा अनिश्चितता के साथ, निवेशकों ने मुनाफावसूली का विकल्प चुना और सतर्क रुख अपनाया। निवेशकों को भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अधिक स्पष्टता की प्रतीक्षा है और इस बीच उन्होंने बिकवाली को तरजीह दी।’’

मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.65 प्रतिशत नीचे आया जबकि छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप 0.96 प्रतिशत टूटा। बीएसई में 2,531 शेयरों में गिरावट आई जबकि 1,438 लाभ में रहे। 134 शेयरों का भाव स्थिर रहा। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह भारत-पाक के बीच सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनने, अमेरिका-चीन के बीच शुल्क समझौते की ओर बढ़ने और एफआईआई के मजबूत प्रवाह के कारण बाजार में तेजी देखने को मिली। लेकिन अब नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सतर्कता का माहौल बन रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति से पता चलता है कि बाजार में सकारात्मक रुख के दौर के बाद उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिलेगा, क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता निवेशकों के लिए एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।’’

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख रहा। सोमवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.11 प्रतिशत टूटकर 65.47 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 525.95 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 271.17 अंक नुकसान में रहा था जबकि निफ्टी में 74.35 अंक की गिरावट आई थी।