भारतीय शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। आज यानी गुरुवार 27 नवंबर को Sensex ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। बीएसई सेंसेक्स ने आज पहली बार 86000 के पार पहुंच गया और 14 महीने पुराने सितंबर 2024 के अपने रिकॉर्ड हाई को ब्रेक कर दिया। वहीं एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) की बात करें तो यह पहली बार 26300 का आंकड़ा पार कर गया। भले ही सेंसेक्स-निफ्टी दोनों मुख्य इंडेक्स अपने ऑल-टाइम हाई पर हों लेकिन असल तस्वीर काफी गंभीर दिखती है। Nifty50 की लगभग आधी कंपनियां इस साल अपने ऑल-टाइम हाई को छू भी नहीं पाई हैं। ऐसा लगता है कि बाजार में यह तेजी कुछ बड़े स्टॉक्स पर टिकी हुई है और अगर इन पर निगेटिव असर हुआ तो बाजार वापस गिरावट का रुख कर सकता है।

Sensex-Nifty की तेजी से खड़े हुए कई सवाल

गौर करने वाली बात है कि पिछले 8 दिनों के डेटा पर अगर नजर डालें तो शुक्रवार, सोमवार और मंगलवार के कारोबारी सत्र में Sensex करीब 1056 पॉइन्ट कुल नीचे आ गिरा। लेकिन बुधवार को यह अचानक 1000 अंक ऊपर चढ़ गया। आखिर इस बढ़त और गिरावट की वजह क्या है?

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सेंसेक्स-निफ्टी ऑलटाइम हाई पर है लेकिन क्या आम निवेशकों को इसका फायदा मिल रहा है? क्या आम निवेशक जो कम पैसे में ट्रेडिंग करते हैं उन्हें इस रिकॉर्ड हाई से खुश होने की जरूरत है? चलिए इनका जवाब ढूंढते हैं और मार्केट के इस ऊपर-नीचे होने के कारणों पर डालते हैं एक नजर…

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शेयर बाजार ने आज टच किया रिकॉर्ड हाई

आज सुबह सेंसेक्स-निफ्टी दोनों हरे रंग के निशान पर खुले थे लेकिन दोपहर तक आते-आते ये लाल रंग के निशान पर यानी नुकसान में कारोबार करने लगे और फिर बंद होने के समय हरे रंग पर पहुंच गए। भारतीय शेयर बाजार आज तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 110.87 अंक की तेजी के साथ 85,720.38 अंक के आस-पास बंद हुआ। वही, निफ्टी 10.25 अंक की तेजी के साथ 26,215.55 अंक के आस-पास बंद हुआ।

गौर से देखें तो सतह के नीचे हालात कहीं ज़्यादा खराब हैं। Trent के शेयर इस साल अब तक 40 प्रतिशत टूट चुके हैं और अक्टूबर 2024 के अपने रिकॉर्ड हाई लेवल तक पहुंचने के लिए इन्हें लगभग दोगुना होना पड़ेगा। TCS 23 प्रतिशत नीचे है। Wipro, Tech Mahindra, Power Grid, Infosys, IndusInd Bank, HCL Tech – ये सभी 2025 में डबल-डिजिट नुकसान में फंसे हुए हैं, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स और निफ्टी इस कैलेंडर ईयर में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज कर रहे हैं।

स्मॉलकैप-मिडकैप नुकसान में

निफ्टी के भी 23 स्टॉक्स अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 10 प्रतिशत गिरकर कारोबार कर रहे हैं। कुल मिलाकर कहें तो बाजार की स्थिति देखने में अच्छी है लेकिन आम और खासतौर पर छोटे निवेशक नुकसान में हैं। छोटे निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो लाल दिख रहा है जबकि दोनों इंडेक्स हरे हैं। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 2025 में 5 प्रतिशत के नुकसान में है जबकि मिडकैप इंडेक्स भी 2 प्रतिशत गिरा है।

दलाल स्ट्रीट का मैसेज साफ है- बेंचमार्क की चमक-दमक, एक ऐसे बाजार को छुपा ले रही है जो असल में दिक्कत में है। जहां कुछ चुनिंदा शेयरों में कंसंट्रेशन का जोखिम खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और रिटेल निवेशक क्वॉलिटी स्टॉक्स पकड़कर रखने के बजाय IPO की ‘लॉटरी’ पर दांव लगा रहे हैं। जब तक यह रैली कुछ चुनिंदा शेयरों से बाहर निकलकर ब्रॉड नहीं होती, इसे बुल मार्केट कहना जल्दबाजी तो नहीं लेकिन लापरवाही जरूर हो सकती है।

कुल मिलाकर, बाजार इस समय एक दिलचस्प मोड़ पर खड़ा है, जहां कमाई (Earnings) में आगे सुधार के संकेत दिखाई देने लगे हैं। 28 नवंबर को Q2 GDP के आंकड़े जारी होने वाले हैं और अगले हफ्ते RBI की दरों पर फैसला भी आने वाला है। ऐसे में निवेशकों की नजरें बाजार को दिशा देने वाले अगले बड़े ट्रिगर पर टिकी रहेंगी।