पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी और गो एयरलाइंस के आरंभिक शेयर बिक्री (आईपीओ) के प्रस्ताव पर अपने निर्णय को टाल दिया है। ये खबर ऐसे समय में आई है जब एलआईसी का आईपीओ आने वाला है। निवेशक इस आईपीओ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एलआईसी के आईपीओ के दिसंबर तक आने की उम्मीद है।

सेबी की टिप्पणी है जरूरी: आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के आईपीओ को लेकर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से जानकारी दी गई है। हालांकि, सेबी ने इस बारे में और कुछ नहीं कहा है। बाजार की भाषा में सेबी की टिप्पणी एक तरह से आईपीओ की मंजूरी होती है। अंतिम निष्कर्ष के बगैर आईपीओ नहीं लाया जा सकता। आपको बता दें कि आईपीओ के जरिये पूंजी जुटाने को लेकर सेबी के पास अप्रैल में जरूरी दस्तावेज जमा किये गए थे।

3.88 करोड़ शेयर की बिक्री: आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लि. आदित्य बिड़ला समूह और सन लाइफ फाइनेंशियन इंक की संयुक्त उद्यम है। प्रस्ताव के तहत 3.88 करोड़ शेयर की बिक्री की जानी है। इसमें आदित्य बिड़ला कैपिटल 28.51 लाख तक की संख्या में अपने शेयर और सन लाइफ एएमसी 3.68 करोड़ अपने पास के शेयर बेचने वाली है। यह कंपनी की चुकता पूंजी का कुल 13.50 प्रतिशत बनेगा। इससे कुल 1500-2000 करोड़ रुपये की पूंजी मिलने का अनुमान है।

गो एयरलाइंस के आईपीओ पर भी रोक: इसके अलावा सेबी ने गो एयरलाइंस के 3,600 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए जमा कराए दस्तावेजों के मसौदे की जांच को फिलहाल रोक दिया है। गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड ने खुद को ‘गो फर्स्ट’ के नाम से नए सिरे से ब्रांड किया है। कंपनी ने आईपीओ के लिए दस्तावेज मई में जमा कराए थे।

कंपनी आईपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल अपने कर्ज को चुकाने पर करेगी। किसी कंपनी के आईपीओ को मंजूरी के लिए सेबी की ओर से निष्कर्ष जरूरी होता है। मौजूदा नियमों के अनुसार नियामक किसी मामले में अपने निष्कर्ष 30 दिन, 45 दिन या 90 दिन या उससे अधिक दिन तक रोक सकता है।