भारतीय प्रतिभूति और विनमय बोर्ड (SEBI) ने फ्रंट रनिंग केस (Front Running Case) में बड़ी कार्यवाही करते हुए दो बड़े ब्रोकरों से जुड़े पूर्व डीलरों को शेयर बाजार से बैन कर दिया है।

शुक्रवार (03-जून-2022) को जारी दो अलग-अगल आदेशों में बाजार नियामक सेबी ने आईआईएफएल ग्रुप (IIFL Group) से जुड़े डीलर संतोष ब्रिजराज सिंह को पांच साल के लिए जबकि फीडलिटी ग्रुप  (Fidelity Group) से जुड़े डीलर वैभव धड्डा पर तीन साल के लिए शेयर बाजार में ट्रेड करने पर बैन लगा दिया।

आईआईएफएल ग्रुप  के पूर्व डीलर के मामले में, नियामक ने उन्हें सेबी-पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ से जुड़े होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या किसी अन्य कंपनी से जुड़े होने से भी रोक दिया गया है जो पब्लिक से आईपीओ या फिर अन्य किसी माध्यम से धन जुटाने का इरादा रखती है।

बता दें, इन दोनों ही मामलों में सेबी की ओर से पहले ही अंतरिम आदेश किया जा चुका था और शुक्रवार को फाइनल आर्डर बाजार नियामक की ओर से दिया गए। आईआईएफएल ग्रुप  के मामले में सेबी ने दिसंबर 2019 से अक्टूबर 2020 तक के ट्रेड्स की जांच की हैं जबकि फीडलिटी ग्रुप के मामले में फरवरी 2019 से नवंबर 2019 तक के ट्रेड्स की जांच की गई हैं।

क्या है मामला?

सेबी की ओर से की गई जांच के अनुसार आईआईएफएल के पूर्व डीलर संतोष ब्रिजराज सिंह ब्रोकर की ओर से दिए जाने वाले बड़े शेयर बिक्री की जानकारी अपने दोस्त आदिल सुतार तक पहुंचा रहे थे। वहीं, फीडलिटी इंटरनेशनल  के 21 फंड के ट्रेडर और पूर्व कर्मचारी वैभव धड्डा ग्रुप की ओर से होने वाले सभी खरीद फरोख्त की जानकरी अपने रिश्तेदरों अल्का, अरुशी और कई अन्य लोगों तक पहुंचा रहे थे।

सेबी ने बताया जैसे ही किसी भी कंपनी का शेयर इन ब्रोकर की ओर से खरीदा जाने वाला होता था। उससे पहले सभी मिलकर बड़ी संख्या में उस कंपनी के शेयर को खरीद लेते थे और जैसे ही ब्रोकर की ओर से शेयरों को खरीदने का आर्डर प्लेस किया जाता था। ये सभी उस कंपनी का शेयर बेचना शुरू कर देते थे।