5 Years Fixed Deposit : आप किसी बचत स्कीम में या अन्य किसी योजनाओं या बाजार में क्यों निवेश करते हैं? इसका पहला जवाब होगा कि अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए। उसके बाद टैक्स सेविंग या सेफ्टी की बात आती है। अगर आप निवेश शुरू करते समय ही टैक्स सेविंग की भी प्लानिंग कर लें तो टैक्स सीजन करीब आत ही परेशान नहीं होना पड़ेगा. बाजार में टैक्स सेविंग के कुछ स्कीम हैं, जिनमें सबसे सुरक्षित स्कीम 5 साल की लॉक इन वाली टैक्स सेवर एफडी (FD) है। टैक्स सेवर एफडी बेहतर रिटर्न देती ही हैं, वहीं इनकी अपनी कुछ खासियत होती है, जिसके बारे में आपको जानना चाहिए.
ELSS : टैक्स भी बचेगा और दौलत भी बढ़ेगी, इन इक्विटी स्कीम ने 5 साल में 3 गुना तक कर दिया निवेश
80सी के तहत टैक्स छूट
टैक्स सेवर एफडी की सुविधा सरकारी बैंक और निजी बैंक देते हैं। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस की 5 साल की टाइम डिपॉजिट स्कीम पर भी यह सुविधा मिलती है। यह ऐसी स्कीम है जिसमें आपको इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। 5 साल के लॉन इन पीरियड वाले FD में हर वित्त वर्ष 1.50 लाख रुपये तक निवेश की राशि पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। इस स्कीम पर रिस्क नहीं के बराबर है। इसमें 5 साल यानी मैच्योरिटी के पहले पैसे नहीं निकाल सकते। सिर्फ खाताधारक के डेथ पर नॉमिनी के पास सुविधा है कि या तो वह पैसे निकाल ले या मैच्योर होने दे।
ब्याज आय पर लगता है टैक्स
टैक्स सेवर एफडी से मिलने वाली ब्याज आय अगर एक फाइनेंशियल ईयर में 40 हजार रुपये से अधिक है तो यह टैक्सेबल इनकम होगी। इस इनकम पर TDS कटता है. वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह लिमिट 50 हजार रुपये है। ध्यान रहे कि टीडीएस ब्याज जमा करते समय काटा जाता है, न कि एफडी मैच्योर होने पर। यानी 5 साल की एफडी है तो 5 बार टीडीएस कटौती होगी। 10 फीसदी की दर से TDS काटा जाता है, लेकिन पैन की डिटेल नहीं दी गई है तो इंटरेस्ट इनकम से 20 फीसदी की दर से TDS काटा जाता है।
जिन डिपॉजिटर्स की इनकम टैक्सेबल नहीं है, वे फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (60 और उससे अधिक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए) में एक डिक्लरेशन प्रदान कर सकते हैं। ऐसा करने से बैंक एफडी ब्याज पर टीडीएस की कटौती नहीं कर पाएंगे।
टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट की खासियत
- – टैक्स सेवर एफडी में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। यह लाभ 1.50 रुपये तक निवेश पर लिया जा सकता है।
- – ज्वॉइंट डिपॉजिट के केस में सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ सिर्फ फर्स्ट अकाउंट होल्डर्स को मिलेगा।
- – टैक्स सेवर एफडी में 5 साल का लॉक-इन होता है. 5 साल की एफडी पर ही टैक्स बेनेफिट मिलता है। इसमें बैंक या पोस्टऑफिस द्वारा पहले से तय – ब्याज के आधार पर रिटर्न मिलता है। एक बार स्कीम में ब्याज लॉक कर दिया तो पूरे टर्म में उसमें बदलाव नहीं हो सकता है।
- – टैक्स सेवर एफडी में कम से कम 1000 रुपये से निवेश करने की सुविधा है। वहीं इसमें नॉमिनी की भी सुविधा होती है।
- -वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 फीसदी का एडिशनल ब्याज मिलता है।
अकाउंट ओपन करने के लिए क्या जरूरी
- – आईडी प्रूफ (आधार कार्ड, PAN, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट)
– एड्रेस प्रूफ (आधार कार्ड, यूटिलिटी बिल, राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट)
– सिग्नेचर प्रूफ (पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस)
– 2 पासपोर्ट साइज फोटो
कहां मिल रहा है कितना ब्याज (2 करोड़ रुपये तक जमा पर)
एसबीआई: 6.50%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 6.50%
केनरा बैंक: 6.70%
पंजाब नेशनल बैंक: 6.50%
एचडीएफसी बैंक: 7.00%
आईसीआईसीआई बैंक: 7.00%
इंडसइंड बैंक: 7.25%
एक्सिस बैंक बैंक: 7.00%
कोटक महिंद्रा बैंक: 6.20%
येस बैंक: 7.25%
फेडरल बैंक: 6.60%
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक: 7.00%
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट : 7.5%
आरबीएल बैंक : 7.10%
डीसीबी बैंक : 7.40%
(सोर्स: बैंक वेबसाइट)
नोट: सीनियर सिटीजन को एफडी पर नॉर्मल से 50 बेसिस प्वॉइंट ज्यादा ब्याज मिलता है.