लगातार दो साल सूखा पड़ने से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जल संरक्षण के लिये कदम उठाने और किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए फसलों में विविधता लाने के साथ-साथ डेयरी, पोल्ट्री तथा खाद्य प्रसंस्करण जैसी सहायक गतिविधियों पर ध्यान देने को कहा।
यहां आयोजित तीन दिवसीय ‘कृषि उन्नति मेले’ का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि मई 2014 में सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये हैं। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने की दृष्टि से सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने और नई बीमा योजना शुरू करने सहित कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाये हैं।
ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच खेती बाड़ी करने वाले परिवारों की अखिल भारतीय औसत मासिक आय 6,426 रुपये थी। प्रधानमंत्री ने पूर्वी राज्यों में आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाकर दूसरी हरित क्रांति लाने का भी आह्वान किया। उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की धरती को उर्वरा और पानी उपलब्धता से परिपूर्ण माना जाता है।
कृषि उत्पादकता और आमदनी को बढ़ाने के लिए जल संरक्षण पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने ऐसी 90 सिंचाई परियोजनाओं की पहचान की है जो कि अटकी पड़ी हैं और जिनसे 80 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार सिंचाई व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।