सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस कंपनी सऊदी आरामको पर ड्रोन हमले के बाद से कंपनी का तेल उत्पादन को बड़ा झटका लगा है। सऊदी आरामको की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ड्रोन हमले के कारण कंपनी ने 5.7 मिलियन बैरल क्रूड का उत्पादन स्थगित कर दिया है।
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अरामको कंपनी के दो संयंत्रों में उत्पादन का काम अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है। यमन विद्रोहियों के हमले के बाद कंपनी का कम से कम आधा उत्पादन प्रभावित हुआ है। हाल ही में सऊदी आरामको कंपनी ने भारत में तेल और गैस क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश करने का ऐलान किया था।
आधिकारिक सऊदी समाचार एजेंसी ने ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज के हवाले से बताया कि हमले की वजह से अब्कैक और खुरैस में अस्थायी तौर पर उत्पादन का काम रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे कुल उत्पादन 50 फीसदी तक प्रभावित होगा। अरामको के मुख्य कार्यकारी निदेशक अमीन नासेर ने कहा कि उत्पादन बहाल करने के लिए कार्य चल रहा है, अगले दो दिनों में इससे संबंधित और जानकारी दी जाएगी।
नासेर ने कहा इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ है। यमन में ईरान समर्थक हुती विद्रोहियों ने शनिवार को सऊदी में दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी ली थी। समूह के अल-मसीरा टीवी ने यह जानकारी दी। अल-मसीरा ने कहा कि विद्रोहियों ने 10 ड्रोन विमानों के साथ बड़ा अभियान छेड़ा और इस दौरान पूर्वी सऊदी अरब में अब्कैक और खुरैस में रिफाइनरियों को निशाना बनाया गया। 1991 में खाड़ी युद्ध के बाद यह सऊदी अरब के तेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है कि सऊदी आरामको को आतंकवादियों ने निशाना बनाया हो। साल 2006 में भी अलकायदा के आतंकवादियों ने इस तेल कंपनी पर हमला करने की कोशिश की थी। इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। पोम्पिओ ने कहा, ‘‘ ईरान ने दुनिया के ऊर्जा आपूर्ति पर अप्रत्याशित हमला किया।’’ अमेरिका का मुख्य सहयोगी सऊदी अरब लगातार ईरान पर हुती विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाता आया है। वहीं ईरान इन आरोपों से इनकार करता रहा है।