रुपए में लगातार कमजोरी का दौर बना हुआ है, रुपया डॉलर के मुकाबले रोज नए निचले स्तर पर छू रहा है। वहीं, डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही गिरावट को रोकने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) भी पूरी कोशिश कर रहा है। मंगलवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए मासिक बुलेटिन में बताया गया है कि रुपए की मजबूती के लिए मार्च में 20.1 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा बाजार में बेचे गए हैं।
केंद्रीय बैंक ने रिपोर्ट में बताया, “मार्च के अंत में डॉलर खरीदारी बढ़कर 65.79 बिलियन डॉलर पहुंच गई थी जो फरवरी के अंत में 49.11 बिलियन डॉलर थी। फरवरी में स्पॉट मार्किट में यह बिक्री 771 मिलियन डॉलर थी। मार्च में रुपया करीब 75.76 से 76.97 के बीच एक्सचेंज पर ट्रेड किया था।
मार्च में रुपए ने लगाया रिकॉर्ड लो: आरबीआई की ओर से मार्च में समर्थन देने के बावजूद रुपए में दबाब देखने को मिला। मार्च में रुपए ने कोरोना महामारी के समय अप्रैल 2020 को बने रुपए के निचले स्तर 76.90 को तोड़ते हुए 76.97 का नया रिकॉर्ड बनाया।
रुपए में कमजोरी जारी: पिछले दो हफ्तों से रुपए में डॉलर के मुकाबले लगातार दबाब देखने को मिल रहा है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया नए निचले स्तर 77.95 पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट: पिछले साल सितंबर 2021 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर 642.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसके बाद से इसमें लगातार गिरावट हो रही है। रिजर्व बैंक के अनुसार 29 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर गिरकर 597.73 अरब डॉलर रह गया है। यह लगातार आठवां हफ्ता था, जब देश के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट हुई है।
रुपए में हो रही गिरावट पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस- यूक्रेन युद्ध के लंबा खीचने, कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि, महंगाई और अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने से रुपए पर दबाब देखा जा रहा है। वहीं, बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों की ओर से शेयर बाजार में की जा रही बिकवाली भी रुपए में गिरावट की बड़ी वजह है।