भारतीय रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बाजार खुलने के बाद रुपया 14 पैसे फिसलकर 77.69 के स्तर पर पहुंच गया। रुपए में लगातार कमजोरी की एक बड़ी वजह कच्चे तेल के दामों में लगातार आ रही तेजी और रूस यूक्रेन युद्ध के लंबा खींचने को माना जा रहा है।
रुपए में लगातार कमजोरी जारी: पिछले कुछ दिनों से रुपए में कमजोरी का दौर बना हुआ है। बीते शुक्रवार (14-05-2022) को भी रुपया 5 पैसे गिरकर 77.55 पर पहुंच गया था, जिससे बाद आज इसमें और गिरावट देखने को मिली है।
रुपए में कमजोरी अर्थव्यवस्था के लिए खराब: रुपए में लगातार आ रही कमजोरी को एक्सपर्ट अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं मान रहे हैं क्योंकि अपनी एनर्जी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 80 फीसदी से अधिक कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है। ऐसे में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रहे हैं और भारतीय रुपए की कीमत गिर रही है तो भारतीयों को उसी चीज के के लिए विदेशों में पहले की अपेक्षा अधिक खर्च करना पड़ेगा।
रुपए की गिरावट पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि डॉलर में आ रही मजबूती, महंगाई का लगातार बढ़ना, कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और रूस-यूक्रेन युद्ध का रुपए की गिरावट के पीछे बड़ा हाथ है। अमेरिका में लगातार महंगाई बढ़ रही है और वहां का केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व बैंक) ब्याज दर बढ़ाने की बात कह चुका है, जिसके बाद बड़ी मात्रा में भारत से विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं जिसके कारण भारतीय मुद्रा पर लगातार दबाव बना हुआ है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट: रुपए की कीमत के साथ देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बड़ी गिरावट हो रही है, ताजा आकड़ों के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से भी नीचे आ चुका है। रिजर्व बैंक के अनुसार 29 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.695 अरब डॉलर गिरकर 597.73 अरब डॉलर रह गया है। यह लगातार आठवां हफ्ता था, जब देश के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट हुई है।