भारतीय करेंसी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गुरुवार को 75 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक गिर गया। भारतीय करेंसी के इतिहास में यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। दुनिया भर में बुधवार से ही इक्विटीज और करेंसीज में गिरावट का दौर जारी था। बुधवार को 74.23 के स्तर पर बंद हुआ रुपया गुरुवार को 74.96 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला और फिलहाल 75.11 के लेवल पर कारोबार कर रहा है। रुपये में गिरावट के इस दौर ने पीएम नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान की भी यादें ताजा कर दी हैं। तब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर रुपये की गिरावट को लेकर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि रुपया धीरे-धीरे पीएम की उम्र के करीब पहुंच रहा है।

श्री श्री ने कहा था, मोदी आए तो 40 पर होगा रुपया: अब जब रुपया 75 के पार पहुंच गया है तो लोग पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं कि क्या यही अच्छे दिन हैं। यही नहीं आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पर निशाना साधते हुए भी सोशल मीडिया पर तंज कसे जा रहे हैं। दरअसल श्री श्री रविशंकर ने 21 मार्च, 2014 को एक ट्वीट में कहा था कि नरेंद्र मोदी यदि पीएम बनते हैं तो डॉलर के मुकाबले रुपया 40 के स्तर पर आ जाएगा। बता दें कि देश में पहले से चल रही आर्थिक सुस्ती के बाद अब कोरोना वायरस संक्रमण की मार अर्थव्यवस्था पर आफत बनकर टूटी है।

वायरल हो रहा श्री श्री रविशंकर का पुराना ट्वीट

दो साल बाद सेंसेक्स 30,000 के नीचे: शेयर बाजार भी 28,288 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। दो साल में यह पहला मौका है, जब सेंसेक्स 30,000 से नीचे पहुंचा है। अर्थव्यवस्था पर इस मार के चलते रोजगार के अवसर भी सीमित हुए हैं। यहां तक कि नौकरियां छिनने का भी संकट पैदा हो गया। एविएशन सेक्टर में इसके लक्षण दिखने भी लगे हैं। सस्ती उड़ानों के लिए मशहूर एयरलाइन कंपनी गोएयर ने अपने तमाम कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। इसके अलावा एयर इंडिया और इंडिगो ने बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी की है।

दुनिया भर में जा सकती हैं 2.5 करोड़ नौकरियां: यही नहीं वैश्विक स्तर पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक दुनिया भर में कोरोना वायरस के चलते 2008 से भी भीषण आर्थिक मंदी की आशंका है। इसके चलते 2.5 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं। अकेले रियल एस्टेट सेक्टर में ही 1.2 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं।