कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर कर लगाने के प्रस्ताव को लेकर विपक्ष के निशाना साधने के बीच श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार विभिन्न पक्षों से बातचीत कर रही है और इस मुद्दे पर वह विचार करेगी। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि विभिन्न संबंधित पक्षों से बातचीत की जा रही है और कई पक्ष हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि वे कई बातों का खुलासा नहीं कर सकते और सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। उन्होंने विशेष ब्योरा दिए बिना कहा कि हम वित्त मंत्रालय के संपर्क में भी हैं। माकपा के तपन कुमार सेन ने उनके दावों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे भी इस मामले में पक्ष हैं, लेकिन उनसे साथ कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य जोर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को ईपीएफ के दायरे में लाकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर अधिक से अधिक लोगों को इसके दायरे में लाने पर भी है। उन्होंने इस क्रम में कई योजनाओं का जिक्र किया, जिनकी शुरुआत सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए की है। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ द्वारा दावों के त्वरित निपटान हेतु कई कदम उठाए गए हैं जिनमें पोर्टेबिलिटी और पिछले सभी खातों के समेकन के लिए सदस्यों को सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन) आबंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि दावों का त्रुटिरहित अंतरण सुविधाजनक बनाने के लिए ऑनलाइन अंतरण दावा पोर्टल (ओटीसीपी) शुरू किया गया है। दत्तात्रेय ने कहा कि वर्ष 2014-15 में 15.54 करोड़ अंशदाताओं के वार्षिक खातों को अपडेट किया गया है हालांकि 31 जनवरी 2016 की स्थिति के अनुसार अपडेट किए गए 3,25,944 खाते लंबित हैं।
