Retirement Mutual Funds : रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लक्ष्य क्या होते हैं. सबसे पहला तो रिटायरमेंट पर आपके पास पर्याप्त फंड हों, जिससे बाद की लाइफ टेंशन फ्री हो पाए. रिटायरमेंट पर बड़ा कॉर्पस बनाने के लिए आपको किसी हाई रिटर्न वाली बेहतर स्कीम में पैसा लगाना होगा. इसके लिए रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं, जिन्हें किसी इनडिविजुअल के रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इन फंडों का रिटर्न चार्ट देखें तो निवेशकों को हाई रिटर्न मिल रहा है.
देश में कई म्यूचुअल फंड हाउस रिटायरमेंट के नाम पर म्यूचुअल फंड स्कीम ऑफर कर रहे हैं. ये स्कीम 10 से 12 साल पुरानी हैं और ये दूसरी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरह ही काम करती हैं, जिनमें एकमुश्त और एसआईपी के जरिए निवेश करने की सुविधा है. अब सवाल उठता है कि क्या ये म्यूचुअल फंड योजनाएं वाकई आपके बुढ़ापे को बेहतर बना सकती हैं. इसके लिए कुछ फंड का रिटर्न चेक कर सकते हैं. हमने यहां एक 11 साल पुरानी स्कीम का उदाहरण दिया है.
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टाटा रिटायरमेंट सेविंग्स फंड – प्रोग्रेसिव
टाटा रिटायरमेंट सेविंग्स फंड के पिछले 11 साल के रिटर्न के आंकड़े मौजूद हैं. वैल्यू रिसर्च के अनुसार इस फंड ने बीते 11 साल में एसआईपी करने वालों को करीब 17.8 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. इसमें 10 हजार मंथली एसआईपी की वैल्यू 11 साल में करीब 43.50 लाख रुपये हो गई. जबकि कुल निवेश करीब 14 लाख रुपये रहा.
मंथली एसआईपी: 10,000 रुपये
अवधि : 11 साल
11 साल में कुल निवेश: 14,20,000 रुपये
11 साल बाद एसआईपी की वैल्यू: ₹43,38,434 रुपये
एनुअलाइज्ड रिटर्न: 17.8%
अगर यही रिटर्न 20 साल तक जारी रहे तो…
एसआईपी की 20 साल बाद वैल्यू : 2,27,52,175 रुपये (2.3 करोड़ रुपये)
20 साल में कुल निवेश : 24,00,000 रुपये (24 लाख रुपये)
HDFC रिटायरमेंट सेविंग्स फंड इक्विटी प्लान
HDFC रिटायरमेंट सेविंग्स फंड इक्विटी प्लान के पिछले 8 साल के एसआईपी रिटर्न के आंकड़े मौजूद हैं. 8 साल में एसआईपी करने वालों को करीब 21.09 फीसदी एनुअलाइज्ड रिटर्न दिया है. इसमें 10 हजार मंथली एसआईपी की वैल्यू 8 साल में करीब 27.50 लाख रुपये हो गई. जबकि कुल निवेश करीब 10.60 लाख रुपये रहा.
मंथली एसआईपी: 10,000 रुपये
अवधि : 8 साल
8 साल में कुल निवेश: 10.60 लाख रुपये
8 साल बाद एसआईपी की वैल्यू: 27.50 लाख रुपये
एनुअलाइज्ड रिटर्न: 21.09%
अगर यही रिटर्न 20 साल तक जारी रहे तो…
एसआईपी की 20 साल बाद वैल्यू : 3,73,18,806 रुपये (3.73 करोड़ रुपये)
20 साल में कुल निवेश : 24,00,000 रुपये (24 लाख रुपये)
निप्पॉन इंडिया रिटायरमेंट फंड
मंथली एसआईपी: 10,000 रुपये
अवधि : 9 साल
9 साल में कुल निवेश: 11.80 लाख रुपये
9 साल बाद एसआईपी की वैल्यू: 25.12 लाख रुपये
एनुअलाइज्ड रिटर्न: 14.9%
अगर यही रिटर्न 20 साल तक जारी रहे तो…
एसआईपी की 20 साल बाद वैल्यू : 1,49,45,600 रुपये (1.50 करोड़ रुपये)
20 साल में कुल निवेश : 24,00,000 रुपये (24 लाख रुपये)
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स्विच करने की फ्लेक्सिबिलिटी
रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड ट्रेडिशन पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल होते हैं. इनमें किसी भी समय आंशिक रूप से या पूरी तरह से विद्ड्रॉल करने की कोई लिमिट नहीं है. अगर आप चाहें तो आप किसी भी समय अपना निवेश वापस ले सकते हैं और दूसरे म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं.
लॉक-इन अवधि
आमतौर पर, रिटायरमेंट फंड 5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है, निवेश की तारीख से या निवेशक की रिटायरमेंट की उम्र (आमतौर पर लगभग 60 से 65 साल) तक, जो भी पहले हो. टाटा म्यूचुअल फंड योजनाओं के मामले में एक अपवाद है, जो एग्जिट लोड के अधीन जल्दी निकासी की अनुमति देता है.
एग्जिट लोड
हालांकि लॉक-इन अवधि के बाद रिडेम्प्शन पर कोई एग्जिट लोड नहीं है, लेकिन इसके अपवाद भी मौजूद हैं. अगर निवेश 5 साल से पहले भुनाया जाता है तो टाटा म्यूचुअल फंड 1 फीसदी एग्जिट लोड लगाता है. हालांकि अगर निवेशक रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गया है, तो यह चार्ज माफ कर दिया जाता है. कुछ फंड हाउस 58 साल से कम उम के निवेशकों के लिए 3 फीसदी एग्जिट लोड लगाते हैं, भले ही 5 साल की लॉक-इन अवधि बीत चुकी हो.
टैक्स एडवांटेज
कुछ रिटायरमेंट फंड केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नोटिफाइड पेंशन फंड के रूप में योग्य हैं. इन फंडों में निवेश करने से आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अगर आप नया टैक्स रीजीम चुनते हैं तो यह कटौती लागू नहीं होती है.