अपनी 4-जी सेवाओं की शुरुआत के साथ देश के टेलीफोनी बाजार में हलचल मचा देने वाली रिलायंस जियो केवल दूरसंचार कंपनी बनकर नहीं रहेगी। उसकी निगाह भावी डिजिटल सोसायटी से पैदा होने वाले कारोबारी अवसरों पर भी है। कंपनी की टीमें इसी तरह के भविष्योन्मुखी डिजिटल समाधानों की तैयारी में जुटी हैं। कंपनी प्रबंधन का मानना है कि आने वाले दिनों में दूरसंचार उद्योग में वायस कॉल व इसका शुल्क बेमानी हो जाएगा। सारा खेल इंटरनेट, डेटा व इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) का होगा और जियो का सारा ध्यान इसी पर है। रिलायंस जियो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार के डिजिटल इंडिया पर जोर देने और लोगों में स्मार्टफोन का बढ़ता प्रचलन एक नई डिजिटल अर्थव्यवस्था खड़ी करेगा जिसमें वह बड़ी हिस्सेदारी हासिल करना चाहेगी।
यही कारण है कि रिलायंस जियो की टीम परंपरागत टेलीफोनी या मोबाइल समाधानों से इतर ऐसे समाधानों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो भविष्य में उपभोक्ताओं के बात करने ही नहीं बल्कि जीने के ढंग को ही बदल दे। कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि उनका एक ऐसा ही उत्पाद एफटीटीएच प्रौद्योगिकी आधारित इंटरनेट सेवा है। इस हाईस्पीड इंटरनेट की स्पीड एक जीबीपीएस तक होगी जो कुछ एमबीपीएस तक स्पीड वाले मौजूदा माहौल में कल्पनातीत है। एक जीबी प्रति सेकंड डाटा डाउनलोड की रफ्तार एक एमबीपीएस की 1000 गुणा होती है। उन्होंने कहा कि यह प्रौद्योगिकी किसी आम टीवी को स्मार्ट टीवी में में ही नहीं बदलेगी, यह टीवी देखने, गेम खेलने, संगीत सुनने के हमारे तौरतरीकों को बदल देगी। उदाहरण के तौर पर उपभोक्ता रिमोट पर आवाज लगाकर टीवी चैनल बदल सकेगा।
इसी तरह का एक समाधान आइओटी के जरिए किसी आम कार को स्मार्ट कार में बदलने का है। इसके इस्तेमाल से कार से जुड़ी सारी जानकारी उपभोक्ता के मोबाइल पर उपलब्ध होगी। जैसे कार में डीजल-पेट्रोल कितना है या वह कितनी स्पीड पर चल रही है या किस इलाके में है। इस प्रौद्योगिकी से कार कहीं भी हो, अपने स्मार्टफोन के जरिए उसे लाक-अनलाक किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि रिलायंस जियो की सेवाओं में टेलीफोनी एक हिस्सा भर है जबकि वह इससे इतर सेवाओं पर ध्यान देते हुए एक पूरा ‘डिजिटल इकोसिस्टम’ यानी डिजिटल वातावरण बनाने की कोशिश कर रही है जहां उपभोक्ताओं को विभिन्न तरह की सेवाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि कंपनी की जियो मैग में 10 भाषाओं की 200 से अधिक पत्र-पत्रिकाएं आनलाइन उपलब्ध हैं। यानी जियो के ग्राहक इन्हें अपने मोबाइल पर बिना किसी शुल्क के पढ़ सकते हैं।
इसी तरह जियो न्यूजपेपर में दस भाषाओं के 40 से अधिक समाचार पत्र हमेशा उपलब्ध रहते हैं। उपभोक्ता अपनी पसंदीदा जगह व भाषा का समाचार पत्र कभी भी पढ़ सकता है। रिलायंस जियो ने इसके लिए संबद्ध प्रकाशकों से गठजोड़ किया है। कंपनी फिलहाल 2017 के आखिर तक यह सेवा मुफ्त दे रही है। कंपनी के अधिकारी ने माना कि रिलायंस जियो की 4-जी सेवाओं को फिलहाल मुफ्त वायस काल के कारण चर्चा मिल रही है। लेकिन उम्मीद है कि धीरे-धीरे लोग यह समझेंगे कि वास्तव में जियो की सेवाएं इससे कहीं अलग हैं। मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस जियो ने 150000 करोड़ रुपए के निवेश से अपनी सेवाएं शुरू की हैं। कंपनी दिसंबर तक अपनी सारी सेवाएं मुफ्त देगी जिसमें वायस काल, वीडियो काल व डेटा सेवाएं शामिल हैं। शुल्क व्यवस्था अगले साल जनवरी से शुरू होगी। अधिकारी ने कहा कि कंपनी की बहुत सी भावी प्रौद्योगिकियों पर इस समय काम चल रहा है। ये उचित समय व संबद्ध मंजूरियों के साथ बाजार में पेश की जाएंगी।