10 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान कर सकता है। इस बार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनिटरी पॉलिसी में कई बड़े ऐलान कर सकता है। जिसमें रिवर्स रेपो रेट बढ़ाने से लेकर, मॉनिटरी पॉलिसी को फिर से सामान्य करने की घोषणाएं शामिल हो सकती हैं। आपको बता दें, कोरोना महामारी की शुरुआत के समय रिजर्व बैंक की तरफ से बदहाल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए मॉनिटरी पॉलिसी को उदार बनाया था, जिसे इस बार सामान्य किया जा सकता है।
अंग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट मिंट के द्वारा किए गए एक पोल के मुताबिक 12 अर्थशास्त्रियों में से 8 अर्थशास्त्रियों ने माना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस बार रिवर्स रेपो रेट में 0.20 से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। वर्तमान में रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत है इस लिहाज से देखा जाए तो मॉनिटरी पॉलिसी के बाद रिवर्स रेपो रेट 3.55 से 3.60 प्रतिशत तक हो सकता है। हालांकि सभी अर्थशास्त्रियों ने इस बात को माना हैं कि रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं होने वाला है।
क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट : यह वह दर होती है जिस पर सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज लेते हैं। बैंकों द्वारा इस कर्ज का उपयोग आगे बैंकों द्वारा लोगों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, आदि देने के लिए किया जाता है। वर्तमान में आरबीआई द्वारा निर्धारित रेपो रेट 4 प्रतिशत है। रिवर्स रेपो रेट: जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है यह रेपो रेट का बिल्कुल उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट के तहत सभी बैंक अतिरिक्त पूंजी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास जमा कराते हैं। जिस पर केंद्रीय रिजर्व बैंक द्वारा उन्हें ब्याज दिया जाता है। बाजार में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाया और घटाया जाता है।
लता मंगेशकर के निधन के कारण मंगलवार को शुरू होगी बैठक
सुर साम्राज्ञी और भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के कारण महाराष्ट्र सरकार के द्वारा सोमवार को राजकीय अवकाश घोषित कर दिया गया था। जिसके कारण सोमवार को शुरू होने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक मंगलवार से शुरू होगी। बैठक के नतीजे गुरुवार को आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास के द्वारा बताए जाएंगे।