RBI Monetary Policy October 2018: RBI की छह सदस्यीय मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) वित्त वर्ष 2018-19 में चौथी बार बैठक कर रही है। एमपीसी की यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि के कारण घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में RBI के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एमपीसी ने मौद्रिक नीतियों की समीक्षा की। बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसद है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये के अवमूल्यन को देखते हुए भी RBI ने रेपो रेट (जिस दर पर कर्ज दिया जाता है) में कोई वृद्धि नहीं की है। पिछली बार RBI ने ब्याज दर में लगातार दूसरी बार 25 बेसिस प्वाइंट्स (.25) की बढ़ोतरी की थी। फिलहाल यह दर 6.50 फीसद है। RBI इसमें 25 बेसिस प्वाइंट्स की और वृद्धि कर सकता है। ऐसा होने पर रेपो रेट 6.75 फीसद हो जाएगा। ऐसे में कर्ज लेना और महंगा हो सकता है। रुपये के मूल्य में गिरावट और तेल की बढ़ती कीमतों के साथ ही RBI के सामने चालू खाता घाटा (करेंट अकाउंट डेफिसिट) भी एक बड़ी चुनौती है। इन सब आर्थिक पहलुओं को देखते हुए एमपीसी की बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है।
Highlights
रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में रखने के लिए रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है। आरबीआई ने महंगाई को 4 फीसदी रखने का टारगेट रखा है। यदि महंगाई 4 फीसदी से ज्यादा होती है, तो आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता।
रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होने की घोषणा के बाद शेयर मार्केट में कुछ स्टॉक्टस में बढ़त देखने को मिली। इंडसंड बैंक का शेयर 1.58 फीसदी, फेडरल बैंक के शेयर 1.25 फीसदी, एचडीएफसी बैंक के शेयर 0.74 फीसदी बढ़ गए।
RBI की मौद्रिक नीतियों की समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसद है। पिछली बार RBI ने ब्याज दर में लगातार दूसरी बार 25 बेसिस प्वाइंट्स (.25) की बढ़ोतरी की थी।
शुक्रवार (5 अक्टूबर) को बाजार में गिरावट का रुख रहा। तेल कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं। एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल के शेयर पिछले 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा के बाद तेल कंपनियों के शेयर में गिरावट आई है।
RBI की मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक चल रही है। इसमें मौद्रिक नीतियों की समीक्षा के साथ ही ब्याज दरों पर भी अहम फैसले लिए जा सकते हैं। हालांकि, रेपो रेट में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले ही बाजार में 500 अंकों की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई सेंसेक्स 35,000 से भी नीचे पहुंच गया।