रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट को बरकरार रखा है। रेपो रेट को आरबीआई ने 6.5 फीसदी पर ही बरकार रखा है। रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी और सीआरआर में भी कोई बदलाव किए बिना उसे भी 4 फीसदी पर ही रखा गया है।
रघुराम राजन की यह 2016-17 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा थी। इस फैसले को मुद्रास्फीति और वैश्विक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। साथ ही केंद्रीय बैंक द्वारा दरों को बरकरार रखने की वजह मॉनसून में हो रही देरी को भी माना जा रहा है।
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खाद्य दामों में बढ़त के बाद अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति 5.39 फीसदी तक पहुंच गई थी। आरबीआई का प्रमुख उद्देश्य मार्च 2017 तक खुदरा मुद्रास्फीति को 5 फीसदी तक लाना है।
मंगलवार को आरबीआई की नई दरों की घोषणा के बाद सेंसेक्स ने भी 100 फीसदी की छलांग लगा दी। हाल के आंकड़े बताते हैं कि भारत की जीडीपी 7.9 फीसदी तक पहुंच गई है जिस कारण भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हालांकि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए करोड़ों नौकरियों को पैदा करना होगा ताकि युवाओं की कार्यक्षमता में भागीदारी बढ़ सके।
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